जून में इक्विटी नकदी कारोबार लगातार चौथे महीने बढ़ा, वहीं डेरिवेटिव में ट्रेडिंग वॉल्यूम लगातार दूसरे महीने फिसल गया। नकदी बाजार में वॉल्यूम वृद्धि बाजारों में लगातार चौथे महीने हुई बढ़त के कारण हुई, जिससे बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी नौ महीने में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। दूसरी ओर, नियामकीय सख्ती का वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) ट्रेडिंग पर असर जारी रहा। एफऐंडओ में रोजाना औसत कारोबार मामूली घटकर 345.85 लाख करोड़ रुपये रह गया, जो चार महीने का निचला स्तर है।
एनएसई व बीएसई में संयुक्त रूप से रोजाना औसत नकदी कारोबार बढ़कर 1.21 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो सितंबर 2024 के बाद का सर्वोच्च स्तर है जब बाजार सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचे थे। बाजार नियामक ने नवंबर 2024 से एफऐंडओ नियमों में बड़े बदलाव किए हैं, जिसमें साप्ताहिक एक्सपायरी को प्रति एक्सचेंज केवल एक इंडेक्स तक सीमित करना और लॉट साइज को बढ़ाना शामिल है। इस कदम से समग्र कारोबार प्रभावित हुआ है।
विशेषज्ञों ने कहा कि दोनों एक्सचेंजों के लिए एक्सपायरी दिनों में आगामी बदलाव से कारोबार में और नरमी आ सकती है, हालांकि यह केवल अल्पावधि के लिए ही होगा। एक अन्य बदलाव के तहत भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने डेरिवेटिव खंड के लिए नए उपायों की घोषणा की है, जिसमें ओपन इंटरेस्ट (ओआई) और बाजार व्यापी पोजीशन की सीमा की गणना के लिए एक नया फार्मूला पेश किया गया है।