एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया अपने 11,607 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को एक ऐसी घटना के रूप में देख रही है जो भविष्य के लिए तैयार होने के उसके सफर की शुरुआत का संकेत है। कंपनी का कहना है कि भारत के कंज्यूमर ड्यूरेबल्स बाजार में उसकी सबसे बड़ी हिस्सेदारी है और अच्छे वित्तीय परिणाम देने का उसका ट्रैक रिकॉर्ड भी अच्छा रहा है।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के मुख्य बिक्री अधिकारी संजय चितकारा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, ‘यह हमारे निवेशकों और शेयरधारकों के लिए एक अच्छा अवसर है। अगर वे कुछ लगाते हैं तो उनके लिए लंबी अवधि का मूल्य सृजन होगा।’
कंपनी ने अपने बहुप्रतीक्षित आईपीओ के लिए 1,080 से 1,140 रुपये प्रति शेयर का मूल्य दायरा तय किया है। यह आईपीओ 7 अक्टूबर को खुलेगा। ऊपरी स्तर पर इस निर्गम का आकार 11,607 करोड़ रुपये होगा जो पिछले साल दाखिल करते समय अनुमानित 15,000 करोड़ रुपये से कम है।
यह आईपीओ पूरी तरह से दक्षिण कोरिया की मूल कंपनी द्वारा 10.18 करोड़ से अधिक शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) है, जो लगभग 15 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। यह आईपीओ 7 अक्टूबर को खुलेगा और 9 अक्टूबर को बंद होगा।
इससे एलजी की भारतीय इकाई का मूल्यांकन करीब 77,400 करोड़ रुपये हो जाएगा। इस प्रकार यह देश की एक सबसे मूल्यवान कंज्यूमर ड्यूरेबल्स कंपनी बन जाएगी। साथ ही यह भारत के पूंजी बाजार के इतिहास का 8वां सबसे बड़ा आईपीओ भी होगा।
अक्टूबर में आने वाले अन्य निर्गम में टाटा कैपिटल का 15,512 करोड़ रुपये का आईपीओ और वीवर्क इंडिया का 3,000 करोड़ रुपये का आईपीओ शामिल है। बाजार में एलजी का मुकाबला वोल्टास, हैवेल्स, गोदरेज, ब्लू स्टार, हायर, व्हर्लपूल, फिलिप्स, सैमसंग और सोनी जैसी कंपनियों से है। भारत में वह सैमसंग के बाद दूसरी सबसे बड़ी अप्लायंसेज एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माता है।
एलजी की भारतीय इकाई आंध्र प्रदेश के श्री सिटी में अपने तीसरे कारखाने में भी निवेश कर रही है। यह उसके किसी अन्य कारखाने के मुकाबले तीन गुना बड़ा है। कंपनी 60 करोड़ डॉलर के निवेश से अपनी क्षमता को दोगुना कर रही है।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के मुख्य लेखा अधिकारी अतुल खन्ना ने कहा कि कंपनी के पास पर्याप्त नकदी उपलब्ध है और उस पर कोई कर्ज बोझ भी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हम अपनी क्षमता विस्तार के लिए रकम की व्यवस्था आंतरिक संसाधनों से करेंगे।’
टीवी, एसी और डिशवॉशर पर हाल में हुई वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कटौती के बारे में चितकारा ने कहा, ‘जीएसटी में कटौती हमारे कारोबार के लिए सीधे तौर पर फायदेमंद है। इससे हमारे उत्पादों की मांग बढ़ेगी।’
जून तिमाही के प्रदर्शन के बारे में खन्ना ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि भविष्य में ऐसे किसी कारक से कंपनी की वृद्धि प्रभावित होगी।
कंपनी ने दिसंबर 2024 में आईपीओ का मसौदा दस्तावेज पेश किया था और मार्च में सेबी की मंजूरी मिल गई थी। मगर कमजोर बाजार परिदृश्य के कारण कंपनी ने आईपीओ कुछ समय के लिए टाल दिया था। एलजी ने वित्त वर्ष 2025 में 24,631 करोड़ रुपये के राजस्व पर 2,203 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया।