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बैंकिंग शेयरों ने बाजार को दिया दम, जारी बिकवाली गई थम

शेयर बाजार में बीते आठ कारोबारी सत्रों से जारी बिकवाली पर लगा विराम

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- October 01, 2025 | 10:10 PM IST

भारतीय शेयर बाजार ने बुधवार को राहत की सांस ली जब लगातार पिछले 8 कारोबारी सत्रों से जारी बिकवाली थम गई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा मौद्रिक नीति समीक्षा में ऋण आवंटन बढ़ाने के लिए किए उपायों के बाद बैंकिंग शेयरों में तेजी दिखी जिससे बाजार को भरपूर ताकत मिली।
बीएसई सेंसेक्स 716 अंक (0.9 प्रतिशत) की बढ़त के साथ 80,983 पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी 50 भी 225 अंक ( 0.9 प्रतिशत)  की बढ़त के साथ 24,836 पर बंद हुआ।

पिछले आठ कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स में 3.3 प्रतिशत और निफ्टी में 3.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी। बुधवार को बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 3.9 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 453.5 लाख करोड़ रुपये हो गया। आरबीआई ने लगातार दूसरी बार अपनी मानक उधारी दरें अपरिवर्तित रखीं। केंद्रीय बैंक ने बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत करने और ऋण प्रवाह सुधारने के लिए 22 अतिरिक्त उपायों की भी घोषणा की।

आरबीआई ने सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों के एवज में उधार देने पर नियामकीय सीमा हटाने का प्रस्ताव दिया। इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने शेयरों के मुकाबले उधार देने की सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये और आईपीओ के लिए रकम की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये प्रति व्यक्ति कर दी। भारतीय कंपनियों को अधिग्रहणों के लिए ऋण देने के लिए भारतीय बैंकों के लिए एक सक्षम ढांचे का भी प्रस्ताव रखा गया।
निफ्टी बैंक सूचकांक में 1.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो लगभग चार महीनों में एक दिन की सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। 16 प्रमुख क्षेत्रीय सूचकांकों में से 15 लाभ के साथ बंद हुए।

एसबीआई में समूह आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा, ‘पूंजी बाजारों में खुदरा निवेशकों की महत्त्वपूर्ण भागीदारी और युवा पीढ़ी में शेयरों में निवेश के जरिये धन सृजन के बढ़ते रुझान को देखते हुए शेयर गिरवी लेकर बैंकों द्वारा उधार देने की सीमा बढ़ाने के कदम से एफआईआई के साथ भागीदार शेयरधारकों दोनों को फायदा हो सकता है।’

आरबीआई ने 2016 में शुरू ढांचा वापस लेने का भी प्रस्ताव रखा जिसके तहत 10,000 करोड़ रुपये एवं अधिक की ऋण सीमा वाले बड़े उधारकर्ताओं को बैंकों द्वारा उधार देने से बचने के लिए कहा जाता था।

घोष ने कहा, ‘इससे कंपनियों को आवंटित ऋणों में इजाफा हो सकता है। वित्त वर्ष 25 में बॉन्ड, वाणिज्यिक पत्र और ईसीबी सहित कंपनियों को मिला उधार लगभग 30 लाख करोड़ रुपये था। अगर हम मानते हैं कि 10-15 प्रतिशत हिस्सा बैंकिंग प्रणाली में वापस आ सकता है तो बैंकों के पास कंपनियों की जरूरत पूरी करने के लिए 3.0-4.5 लाख करोड़ रुपये उधार देने की क्षमता है।’

बाजार में बुधवार को 2,721 शेयरों में तेजी और 1,440 में गिरावट दिखी। 1.5  प्रतिशत बढ़त दर्ज कर एचडीएफसी बैंक ने सेंसेक्स में सबसे अधिक योगदान दिया। इसके बाद आईसीआईसीआई बैंक से सेंसेक्स को ताकत दी जिसका शेयर 1.7 प्रतिशत उछल गया।

प्रतिशत के लिहाज से टाटा मोटर्स सबसे अधिक मुनाफे में रहा। कंपनी का शेयर 5.6 प्रतिशत बढ़ा, जो एक साल से अधिक समय में इसका बेहतरीन सत्र है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ‘बाजार में आई  तेजी में बैंकिंग और उपभोक्ता शेयरों का अहम योगदान रहा। बिक्री दमदार रहने से वाहन शेयरों में भी तेजी दर्ज की गई। कुल मिलाकर यह तेजी बाजार में कारोबारी दिशा में संभावित बदलाव का शुरुआती संकेत माना जा सकता है।’ आने वाले समय में निवेशकों की नजरें सितंबर तिमाही के परिणामों पर टिकी होंगी।

First Published : October 1, 2025 | 10:09 PM IST