सन टीवी नेटवर्क्स के जनवरी-मार्च तिमाही (वित्त वर्ष 25) के नतीजों ने वित्त वर्ष के रुझानों को ही बताया है। इनसे जाहिर होता है कि विज्ञापन राजस्व में गिरावट और उच्च लागत से उसके राजस्व और परिचालन के मोर्चे पर प्रदर्शन प्रभावित हो रहा है। चौथी तिमाही में कमजोर प्रदर्शन के बाद ज्यादातर ब्रोकरेज फर्मों ने वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए कंपनी के आय अनुमान में 4 से 9 फीसदी तक की कटौती की है।
दक्षिण भारत के इस टीवी प्रसारक का लाभ उसके राजस्व में सुधार, लागत पर नियंत्रण और प्रतिस्पर्धी दबावों के असर पर निर्भर करेगा। हालांकि कई बाधाएं हैं, मगर विज्ञापन राजस्व में धीरे-धीरे सुधार, उच्च मार्जिन और लाभांश से उसके शेयर को सहारा मिल सकता है। पिछले छह महीनों में उसके शेयर में करीब 14 फीसदी की गिरावट आई है और अभी वह 623 रुपये के आसपास चल रहा है। यह शेयर वित्त वर्ष 26 की आय अनुमानों के 13.7 गुना पर कारोबार कर रहा है, जो पिछले पांच वर्षों के 12.5 गुना औसत पीई मूल्यांकन से ज्यादा है।
तिमाही में राजस्व सालाना आधार पर 2 फीसदी की गिरावट आई, जिसकी वजह विज्ञापन राजस्व में 7.3 फीसदी की नरमी थी। विज्ञापन राजस्व में गिरावट खेलों के भारी भरकम कार्यक्रमों के कारण हुई, जिनमें चैंपियंस ट्रॉफी के साथ-साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) भी शामिल था। इससे सामान्य मनोरंजन चैनल के दर्शकों की संख्या और परिणामस्वरूप विज्ञापन राजस्व पर असर पड़ा। विज्ञापन राजस्व में प्रमुख योगदानकर्ता एफएमसीजी सेक्टर डिजिटल माध्यम को अधिक हिस्सा आवंटित कर रहा है, जिससे टीवी खर्च पर दबाव पड़ रहा है।
हालांकि कुल विज्ञापन बाजार सुस्त बना हुआ है। लेकिन कंपनी को वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में इसमें तेजी की उम्मीद है। अच्छे मॉनसून और ग्रामीण खपत में तेजी को देखते हुए एफएमसीजी कंपनियों द्वारा टीवी पर खर्च बढ़ाने की संभावना है। सबस्क्रिप्शन राजस्व में सालाना आधार पर 1.1 फीसदी की गिरावट आई और यह कुल राजस्व का आधा रहा। वित्त वर्ष 2025 में की गई कीमत वृद्धि से अगले दो वर्षों में बढ़त को समर्थन मिलने की उम्मीद है जबकि 2023-24 और वित्त वर्ष 2025 में 1 फीसदी से कम की वृद्धि हुई थी।
अपने ओवर-द-टॉप प्लेटफॉर्म के लिए बेहतर कंटेंट में निवेश और कीमत में बढ़ोतरी को देखते हुए इलारा कैपिटल को वित्त वर्ष 25 से 28 तक 2 फीसदी सालाना वृद्धि की उम्मीद है। आईआईएफएल रिसर्च के अनुसार विज्ञापन और सबस्क्रिप्शन के अलावा शेयर को जिन बातों से गति मिल सकती है, उनमें वित्त वर्ष 26/27 में मूवी रिलीज (इस साल अगस्त में रजनीकांत की कुली और 2026 में जेलर 2) और यूके में हाल में अधिग्रहित क्रिकेट फ़्रैंचाइजी नॉर्दर्न सुपरचार्जर्स शामिल हैं।
कमजोर राजस्व और उच्च लागत का असर परिचालन प्रदर्शन पर भी दिखा, जिसमें सकल मार्जिन में सालाना आधार पर 426 आधार अंक (बीपीएस) और तिमाही के हिसाब से 325 आधार अंक की गिरावट आई और यह 76 फीसदी रहा। अन्य खर्च में 27 फीसदी की वृद्धि और कर्मचारियों की लागत में 3.8 फीसदी के इजाफे के साथ परिचालन लाभ मार्जिन सालाना आधार पर 879 आधार अंक घटकर 45.6 फीसदी रह गया।
इलारा कैपिटल का कहना है कि उत्पादन लागत में नरमी और लीनियर विज्ञापनों में सुधार मार्जिन अपग्रेड के लिए मुख्य चालक हैं। हालांकि ब्रोकरेज के विश्लेषक करण तौरानी ने वित्त वर्ष 26-27 के लिए परिचालन लाभ में 3-4 फीसदी और प्रति शेयर आय में 5-7 फीसदी की कटौती की है, लेकिन उनका कहना है कि कंपनी का अपने प्रतिस्पर्धियों के बीच सबसे अच्छा मार्जिन है और उसकी सुसंगत लाभांश वितरण नीति है। ब्रोकरेज ने शेयर को तटस्थ रेटिंग दी है।
हालांकि विज्ञापन राजस्व में सुधार पर अल्पावधि में निगरानी रखने की जरूरत है, लेकिन मोतीलाल ओसवाल रिसर्च का मानना है कि स्टार इंडिया-वायकॉम 18 विलय से सन टीवी को दोहरी मार झेलनी पड़ सकती है।
आदित्य बंसल की अगुआई में ब्रोकरेज के विश्लेषकों का मानना है कि मुख्य कारोबार में विज्ञापन राजस्व के लिए मजबूत कंपनियों से उच्च प्रतिस्पर्धा, साथ ही अगले नवीनीकरण चक्र (2028-29 से) में आईपीएल मीडिया अधिकारों में संभावित कमी, सन टीवी की आईपीएल फ्रैंचाइजी, सनराइजर्स हैदराबाद के मूल्यांकन को काफी प्रभावित कर सकती हैं।