अदाणी समूह की ज्यादातर कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। इस गिरावट के बीच समूह की सभी कंपनियों का सम्मिलित रूप से बाजार पूंजीकरण (combined mcap) नौ कारोबारी दिनों में 9.5 लाख करोड़ रुपये कम हो चुका है।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि Hindenburg Research की रिपोर्ट आने के बाद से अदाणी समूह के शेयरों को लेकर बाजार की धारणा खराब हुई है जिससे इन शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। सप्ताह के पहले दिन का कारोबार बंद होने पर अदाणी समूह की दस में से छह कंपनियों के शेयर नुकसान में रहे। अदाणी ट्रांसमिशन का शेयर 10 प्रतिशत टूट गया जबकि अदाणी टोटल गैस, अदाणी पावर, अदाणी ग्रीन एनर्जी और अदाणी विल्मर के शेयरों में पांच-पांच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 0.74 प्रतिशत की हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ। हालांकि शुरुआती कारोबार में इसका शेयर 9.50 प्रतिशत नीचे आ गया था लेकिन बाद में इसकी स्थिति सुधर गई।
समूह की चार कंपनियों ने गिरावट के रुख के बीच भी बढ़त दर्ज की। इनमें अदाणी पोर्ट्स ऐंड एसईजेड लिमिटेड में 9.46 प्रतिशत की तेजी हासिल करने में सफल रही। अंबुजा सीमेंट में 1.54 प्रतिशत, एसीसी में 2.24 प्रतिशत और एनडीटीवी में 1.37 प्रतिशत का सुधार देखा गया।
स्टॉक्सबॉक्स के शोध प्रमुख मनीष चौधरी ने कहा कि पिछले नौ कारोबारी दिनों में समूह की सभी कंपनियों का सम्मिलित बाजार पूंजीकरण 9.5 लाख करोड़ रुपये यानी करीब 49 प्रतिशत तक गिर चुका है। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने और एफपीओ को वापस लेने से कारोबारी धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
अमेरिका की ‘शॉर्ट सेलर’ फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अदाणी समूह पर धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर का आरोप लगाया गया था। उसके बाद से समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया। हालांकि, अदाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए कहा है कि वह सभी कानूनों और खुलासा अनिवार्यताओं को पूरा करता रहा है।