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हिंडनबर्ग मामले में अदाणी ग्रुप को सेबी से मिली क्लीन चिट, गौतम अदाणी बोले– पारदर्शिता और ईमानदारी ही हमारी पहचान

सेबी ने दो अलग-अलग आदेशों में 2023 में अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों से अदाणी समूह को आज ​क्लीन चिट दे दी।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- September 18, 2025 | 10:24 PM IST

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अदाणी समूह की कंपनियों, समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी और पैसों के हेरफेर तथा संबंधित पक्षों के साथ लेनदेन के उल्लंघन व धोखाधड़ी के आरोपों का सामना कर रही समूह की फर्मों के खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी।

सेबी ने दो अलग-अलग आदेशों में 2023 में अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों से अदाणी समूह को आज ​क्लीन चिट दे दी। इससे हिंडनबर्ग मामले का भी पटाक्षेप हो गया जिसने रिपोर्ट जारी कर देश के सबसे मूल्यवान कारोबारी समूह के बाजार पूंजीकरण को 12 लाख करोड़ रुपये की चपत लगाई थी।

सेबी ने कहा कि अदाणी समूह की कंपनियों और हिंडनबर्ग द्वारा चिह्नित फर्मों के बीच के लेनदेन को संबं​धित पक्ष के साथ लेनदेन नहीं कहा जा सकता है। इन फर्मों में एडिकॉर्प एंटरप्राइजेज, माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स और रहवर इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। इसलिए सेबी ने यह भी माना है कि खुलासे या धोखाधड़ी से संबं​धित नियामकीय मानदंडों में अन्य संभावित उल्लंघन मान्य नहीं हैं।

सेबी के पूर्णकालिक सदस्य कमलेश चंद्र वार्ष्णेय ने बिना किसी जुर्माने के मामले का निपटारा करते हुए कहा, ‘मामले पर समग्र रूप से विचार करने के बाद मुझे लगता है कि नोटिस प्राप्तकर्ताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप सही नहीं ठहरते हैं।’

मुख्य आरोप यह था कि एडिकॉर्प का इस्तेमाल अदाणी समूह की कंपनियों में पैसों के हेरफेर करने के लिए किया गया था। नियामक ने इस आरोप की भी जांच की कि अदाणी पावर और अदाणी एंटरप्राइजेज को माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स और रहवर इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा अदाणी इन्फ्रा के माध्यम से पैसे दिए गए थे।

नियामक की जांच में पता चला कि मार्च 2024 में जारी कारण बताओ नोटिस में उठाए गए सूचीबद्धता दायित्व और प्रकटीकरण आवश्यकताएं (एलओडीआर) विनियम तथा धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं का निषेध (पीएफयूटीपी) विनियम का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। सेबी ने अदाणी मामले की जांच सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद शुरू की थी।

अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने एक्स पर लिखा, ‘पारदर्शिता और ईमानदारी हमेशा से अदाणी समूह की पहचान रही है। हम उन निवेशकों के दर्द को गहराई से महसूस करते हैं जिन्होंने इस धोखाधड़ी और प्रेरित रिपोर्ट के कारण पैसे गंवाए। झूठी बातें फैलाने वालों को देश से माफी मांगनी चाहिए।’

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से पहले अदाणी समूह की कंपनियों का कुल पूंजीकरण 19.2 लाख करोड़ रुपये था जो 27 फरवरी, 2023 को घटकर 6.8 लाख करोड़ रुपये हो गया। वर्तमान में समूह की कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 13.6 लाख करोड़ रुपये है।

समूह की कंपनियों ने सेबी को दिए अपने जवाब में एडिकॉर्प के साथ लेनदेन को कर्ज बताया था। सेबी की जांच से पता चला है कि एडिकॉर्प के 66 फीसदी निकासी और 67 फीसदी जमा लेनदेन अदाणी समूह के साथ थे। इसके अलावा यदि अदाणी समूह के साथ लेनदेन हटा दिए जाएं तो एडिकॉर्प के बैंक लेनदेन नगण्य है।

First Published : September 18, 2025 | 10:12 PM IST