बीएनपी पारिबा ने कैलेंडर वर्ष 2021 के लिए भारतीय इक्विटी बाजारों पर अपनी ‘ओवरवेट’ रेटिंग कायम रखी है और उम्मीद जताई है कि तब तक बीएसई का सेंसेक्स 50,500 के स्तरों पर पहुंचेगा, जो मौजूदा स्तरों से करीब 9.5 प्रतिशत की तेजी है। भारत के अलावा, बीएनपी पारिबा ने चीन, इंडोनेशिया और कोरिया पर ‘ओवरवेट’ रुख अपनाए रखा है।
भारतीय शेयरों में, उसने अपने मॉडल पोर्टफोलियो में ओएनजीसी और मैरिको को शामिल किया है और ब्रिटानिया को निकाला है। 2020 में 11.4 प्रतिशत की संभावित कमी के बाद, उसे 2021 में भारत की जीडीपी 11.6 प्रतिशत की दर से बढऩे और 2022 में 5 प्रतिशत पर रहने की संभावना है। एजेंसी ने कहा है कि उपभोक्ता कीमत मुद्रास्फीति (सीपीआई) 2021 में 4.3 प्रतिशत और 2022 में 3.8 प्रतिशत रहने की संभावना है।
बीएनपी पारिबा के एशिया पैसीफिक इक्विटी रिसर्च के प्रमुख मनीषी रायचौधरी ने अपनी एशिया स्ट्रेटेजी 2021 रिपोर्ट में लिखा है, ‘भारत में गुणवत्ता और बाजार दिग्गजों पर ध्यान बना हुआ है। निजी बैंकों और बीमा कंपनियों को बाजार भागीदारी वृद्घि से लगातार फायदा मिल सकता है। उपभोक्ता शेयरों को घरेलू ग्रामीण मांग से मदद मिल रही है और सेवाओं के निर्यातकों को वैश्विक ऑर्डर प्रवाह में सुधार का लाभ मिल रहा है और इस वजह से निवेश परिदृश्य मजबूत बना रहेगा।’
उनके अनुसार, भारत की आर्थिक रिकवरी मजबूत दिख रही है और कई संकेतक- वाहन बिक्री, इस्पात और सीमेंट खपत तथा रेल माल भाड़ा या तो कोविड-19 से पहले जैसे स्तर पर हैं या उससे भी ऊपर हैं।
प्रमुख जोखिम
बीएनपी पारिबा का मानना है कि भारत की वृद्घि रिकवरी की निरंतरता को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं और ये कमजोर शहरी आय, लगातार ऊंची मुद्रास्फीति, और बैंकों की बैलेंस शीट की संदिग्ध गुणवत्ता की वजह से सामने आई हैं।