बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) शिकागो फ्यूचर्स एक्सचेंज में सेंसेक्स फ्यूचर्स को लाँच करने की योजना बना रहा है।
यह कदम एशिया के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज के डिम्युचुलाईजेशन की प्रकिया शुरु होने के एक साल के भीतर उठाया जा रहा है।
बीएसई खुद को भी एक्सचेंज में सूचित करने की प्रकिया में है। बीएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रजनीकांत पटेल ने राजेश भयानी के साथ बातचीत में अपनी योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की।
प्रश्न-बीएसई अपना आईपीओ कब लाएगी?
उत्तर-बीएसई खुद को एक्सचेंज में सूचीबध्द यानी लिस्टिंग कराने वाला पहला एक्सचेंज बन सकता है।
लेकिन अभी यह निश्चित नहीं है कि इसके लिये हम आईपीओ जारी करेंगे या सीधे लिस्टिंग कराएंगे। हम बिना आईपीओ के भी लिस्टिंग करा सकते है।
प्रश्न- तब लिस्टिंग में देरी क्यों हो रही है?
उत्तर-सभी कंपनियों को लिस्टिंग के लिए संबध्द समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने पड़ते हैं।
लेकिन लिस्टिंग कराने वाली कंपनी खुद स्टॉक एक्सचेंज ही हो तब कुछ प्रशासनिक मामले खड़े हो जाते हैं। एक्सचेंज स्वयं में स्व-नियामक जैसा संगठन है और एक्सचेंज को लिस्टिंग करते समय इन दोनों के हितों में टकराव होने की संभावना है।
देरी का कारण कुछ प्रक्रियाएं भी है,जिनका पालन किया जाना है। हमनें नियमों के बारे में सेबी को कुछ विकल्प भी सुझाये हैं। हमने प्रस्ताव किया है कि स्वतंत्र सदस्यों का समूह सूचीबध्द बीएसई के पालन को सुनिश्चित करे।
एक अन्य विकल्प बीएसई के प्रतिनिधियों, सेबी के प्रतिनिधियों और स्वतंत्र सदस्यों की एक समिति का गठन करना है ताकि सूचीबध्दता समझौते का पालन कराया जा सके।
प्रश्न-बीएसई ब्रांड सेंसेक्स का किस तरह इस्तेमाल करेगी। उत्तर-हम दो या तीन महीनों के भीतर शिकागो फ्यूचर एक्सचेंज में वायदा कारोबार शुरु करेंगे।
सेंसेक्स फ्यूचर पर कारोबार एक दिन में 23 घंटे होगा। सेंसेक्स वैश्विक दृष्टि से भारतीय बाजार का बैरोमीटर है।
हमें विश्वास है कि विदेशों के एक्सचेंज में सूचीबध्द होने के बाद निवेशकों के बीच वायदा कारोबार विदेशी निवेशकों के प्रति लोकप्रिय होगा और यह भारतीय निवेशकों को अगले दिन बाजार के संभावित रुझान के बारे में संकेत देगा।
प्रश्न-क्या आप हमको सेफ(साउथ एशियन फेडरेशन आफ एक्सचेंज) के बारे में जानकारी देंगे?
उत्तर-सेफ दक्षिण एशिया के सूचकांको की एक सूची तैयार कर रहा है। यह एक औसत सूचकांक होगा और जाहिर है कि इसमें बीएसई का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।
यह दक्षिण एशिया के बाजारों के सूचकांकों का एक बैरोमीटर हो सकेगा। इस सूचकांक के उत्पादों को सदस्य देशों के शेयर बाजारों में भी लाँच किया जा सकेगा।