पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी के व्यापार की निगरानी कई नियामकों को करनी चाहिए। सेबी का दस्तावेज इस बात का अब तक का सबसे मजबूत संकेत है कि देश में कम से कम कुछ प्राधिकरण निजी वर्चुअल संपत्तियों के इस्तेमाल की इजाजत देने को तैयार हैं। सेबी के इस रुख से अलग भारतीय रिजर्व बैंक ने एक अन्य दस्तावेज में निजी डिजिटल करेंसियों को व्यापक जोखिम करार दिया था।
रॉयटर्स ने इन दोनों दस्तावेजों को देखा है। ये एक सरकारी समिति को सौंपे गए हैं, जिसे वित्त मंत्रालय के विचार के लिए नीति तैयार करने का काम सौंपा गया है। इससे पहले सेबी के रुख की कोई जानकारी नहीं रही है। दरअसल भारत ने क्रिप्टो करेंसियों के खिलाफ 2018 से सख्त कदम उठाए हैं। केंद्रीय बैंक ने ऋणदाताओं और अन्य वित्तीय मध्यस्थों को क्रिप्टो इस्तेमाल कर्ताओं या एक्सचेंज से लेनदेन पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि बाद में उच्चतम न्यायालय ने इसे रद्द कर दिया था।
सरकार ने 2021 में निजी क्रिप्टो करेंसियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधेयक तैयार किया था लेकिन इसे पेश नहीं किया गया था। भारत ने बीते वर्ष जी 20 की अध्यक्षता के दौरान ऐसी परिसंपत्तियों को विनियमित करने के लिए वैश्विक प्रारूप का आह्वान किया था।
इस समिति की परिचर्चा से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि रिजर्व बैंक स्टेबलकॉइन्स पर प्रतिबंध लगाने के समर्थन में रहा है। इस बारे में मीडिया से बातचीत नहीं करने के अधिकृत उक्त व्यक्ति ने अपनी पहचान उजागर करने से मना कर दिया। इस व्यक्ति ने कहा कि पैनल अपनी रिपोर्ट जून तक तैयार करने की योजना बना रहा है। स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसी हैं जिन्हें फिएट मुद्राओं के साथ एक स्थिर विनिमय दर बनाए रखने के लिए डिजाइन किया गया है ताकि वे अत्यधिक अस्थिरता के प्रति कम संवेदनशील हों।
हालांकि सरकारी समिति को पेश की गई सिफारिश में सेबी ने कहा कि क्रिप्टो करेंसियों से जुड़ी विदेशी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अलग नियामक होने चाहिए। सेबी के अनुसार डिजिटल संपत्तियों के लिए एकल एकीकृत नियामक से दूरी बरती जानी चाहिए।
सेबी ने कहा कि वह सिक्योरिटीज के साथ साथ इनिशिएल कॉइन ऑफरिंग के रूप में क्रिप्टो करेंसियों पर नजर रख सकती है। सेबी इक्विटी मार्केट से संबंधित उत्पादों के लिए लाइसेंस भी जारी कर सकता है। यह लाइसेंस अमेरिका की तर्ज पर होगा। अमेरिका के सिक्योरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमीशन के दायरे में सिक्योरिटीज के रूप में टोकन और क्रिप्टो एक्सचेंज आते हैं। इस व्यक्ति ने कहा कि सरकारी मुद्रा (फिएट करेंसियों) से समर्थित क्रिप्टो संपत्तियों को भारतीय रिजर्व बैंक विनियमित कर सकता है।
यह सुझाव भी है कि पेंशन नियामक और विकास प्राधिकरण और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण को बीमा और पेंशन से जुड़ी वर्चुअल परिसंपत्तियों का विनियमन करना चाहिए।