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सैट ने होलसिम पर लगा जुर्माना हटाया

Last Updated- December 07, 2022 | 2:43 AM IST

स्विस सीमेंट कंपनी होलसिम के लिए अच्छी खबर। प्रतिभूति अपीलीय प्राधिकरण(सैट) ने होलसिम पर सेबी द्वारा लगाए गए 25 करोड़ रुपये के जुर्माने पर रोक लगा दी है।


स्विस कंपनी ने बीते साल एसीसी की हिस्सेदारी खरीदी थी। इस डील में सेबी ने होलसिम को अधिग्रहण की नियमावली के उल्लंघन का दोषी पाकर यह भारी-भरकम जुर्माना ठोक दिया था।

अब तक इस प्रतिभूति नियामक द्वारा किसी कंपनी पर लगाया गया यह सबसे बड़ा जुर्माना था। अपने अगस्त 2006 के आदेश में सेबी ने कहा था कि एवरेस्ट उद्योग,जिसमें एसीसी की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है, के अधिग्रहण के लिए होलसिम को खुला ऑफर देना चाहिए था। ऐसा न कर उसने सेबी की गाइडलाइन को तोड़ा है।

होलसिम ने अंबुजा सीमेंट से सीधे एसीसी की 13.82 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। इसके बाद ओपन ऑफर के मार्फत उसने यह हिस्सेदारी 34.72 प्रतिशत तक पहुंचा दी। सेबी के अनुसार होलसिम के इस कृत्य से शेयर बाजार में सूचीबध्द एवरेस्ट इंडस्ट्रीज की अधिग्रहण संहिता का उल्लंघन हुआ है। उसने होलसिम से 45 दिनों के भीतर यह पेनल्टी भरने को कहा था। स्विस कंपनी ने सेबी के आदेश के खिलाफ सेबी की शरण ली थी।

वास्तव में जनवरी 2005 में होलसिम ने अंबुजा सीमेंट में 67 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। अंबुजा की एसीसी में भी हिस्सेदारी थी। इसके बाद इस स्विस कंपनी ने पीएसी के साथ एसीसी में अपनी हिस्सेदारी 52 प्रतिशत करने के लिए ओपन ऑफर दिया था, लेकिन एसीसी की एवरेस्ट इंडस्ट्रीज में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

 इस कारण उसने आरोप लगाया कि एसीसी पर नियंत्रण कर होलसिम परोक्ष रूप से एवरेस्ट पर नियंत्रण स्थापित करना चाहता है। होलसिम ने यह कहकर बचाव किया था कि एवरेस्ट मूलरूप से एक एस्बेटॉस बनाने वाली कंपनी है। उनकी मंशा इस क्षेत्र के भारतीय बाजार में उतरने की नहीं है।

होलसिम 2002 के बाद चार सालों में 1.2 अरब डॉलर की नॉन कोर असेट का निवेश किया है। कंपनी ने सेबी को भेजे जवाब में कहा था कि वह एस्बेटॉस निर्माण में काम आने वाले प्रॉडक्ट्स का उत्पादन नहीं करने जा रहा है।

First Published - May 30, 2008 | 10:26 PM IST

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