कोविड-19 की दूसरी लहर सुस्त पडऩे और इक्विटी बाजार में प्रवाह के साथ अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपया तेजी से मजबूत हो रहा है। वहीं भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) 10 साल के बॉन्ड प्रतिफल की दरों को नियंत्रित रखने की कवायद कर रहा है और उसने शुक्रवार को एक बार फिर 10 साल के बॉन्ड की नीलामी की।
डॉलर के मुकाबले रुपया 72.45 पर बंद हुआ, जो पहले के 72.60 रुपये प्रति डॉलर की बंदी की तुलना में अधिक है। इंट्रा डे कारोबार में रुपया दो महीने के उच्च स्तर 72.32 डॉलर पर पहुंच गया।
रुपये की मजबूती तुलनात्मक रूप से तेज है। 20 मई को यह 73.11 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। यह भी अनुमान लगाया जा रहा था कि डॉलर के मुकाबले रुपया 75 तक जा सकता है, जिसे देखते हुए आयातक कंपनियां करीब 73 रुपये पर डॉलर एकत्र कर रही थीं।
लेकिन रुपये की मजबूती ने तमाम लोगों को चकित कर दिया है। इलाके में महामारी की लहर कम हो रही है। रुपया इस क्षेत्र की अन्य मुद्राओं के मुताबिक ही चल रहा है और यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूत हो रहा है। फिलीपींस का पेसो एशिया में सबसे तेज, डॉलर के मुकाबले 0.4 प्रतिशत मजबूत हुआ है, जबकि रुपया 0.21 प्रतिशत मजबूत हुआ है।
बहरहाल डॉलर सूचकांक 9.47 प्रतिशत चढ़कर 90.4 पर पहुंच गया है, जो प्रमुख मुद्राओं की मजबूती का मापन करता है।
सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक अमित पाबरी ने कहा कि विदेशी धन का प्रवाह इक्विटी बाजारों में बढ़ रहा है और इसकी वजह से रुपये में मजबूती आ रही है। एमएससीआई का प्रवाह भारतीय शेयर बाजार में 1.2 अरब डॉलर रहा है और इसी के मुताबिक रुपया मजबूत हो रहा है।
पाबरी ने कहा, ‘इसके अलावा बॉन्ड बाजार में प्रवाह स्थिर रहा है क्योंकि वैश्विक कारोबारी स्थाई प्रतिफल, मुद्रा में कम उतार चढ़ाव और व्यावहारिक विदेशी मुद्रा हेजिंग लागत को लेकर आकर्षित नजर आ रहे हैं।’
करेंसी डीलरों का कहना है कि रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करता नजर नहीं आ रहा है।
बहरहाल केंद्रीय बैंक के बाजार में वापस आने की उम्मीद है। रुपया और अन्य एशियाई मुद्राएं चीन के युवान के साथ नजदीकी से चल रही हैं, जो इस सप्ताह मजबूत होकर प्रति डॉलर 6.3619 हो गया, जो तीन साल का उच्चतम स्तर है।
रिलायंस सिक्योरिटीज में वरिष्ठ शोध विश्लेषक श्रीराम अय्यर ने कहा, ‘अमेेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार पांचवें सप्ताह मजबूत हुआ है और चीन के युवान की तुलना में मजबूत है। भारतीय रिजर्व बैंक के हाजिर बाजार में लगातार मौजूद न होने की वजह से ऐसा हो रहा है।’
अय्यर ने कहा कि इस सप्ताह रुपये में 0.5 प्रतिशत मजबूती आई है और पिछले 4 सप्ताह मेंं यह करीब 3 प्रतिशत बढ़ा है।
बहरहाल बॉन्ड कारोबारियों को भरोसा है कि रिजर्व बैंक 10 साल के बॉन्ड प्रतिफलों को 6 प्रतिशत से ऊपर बहुत ज्यादा बढऩे नहीं देगा क्योंकि केंद्रीय बैंक इस खास बॉन्ड को अपनी दरों के संकेतक के रूप में देखता है।
शुक्रवार को रिजर्व बैंक ने 26,550 करोड़ रुपये की नीलामी की, जिसमें से 19,114 करोड़ रुपये रिजर्व बैंक ने स्वीकार किए जबकि 7.437 करोड़ रुपये के बॉन्ड प्राथमिक डीलरों द्वारा खरीदे गए। नीलामी के बाद 10 साल का बॉन्ड प्रतिफल 6 प्रतिशत पर बंद हुआ।
केयर रेटिंग्स के मुताबिक मई 2021 में कुल बाजार उधारी 1.1 लाख करोड़ रुपये थी, जो अप्रैल, 2021 की तुलना में 6.545 करोड़ रुपये ज्यादा है।
वित्त वर्ष 22 में बाजार उधारी 2.1 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जो बजट में वित्त वर्ष 22 के लिए निर्धारित कुल बाजार उधारी की सीमा 12.05 लाख करोड़ रुपये का 17.5 प्रतिशत और पहली छमाही की 7.24 लाख करोड़ रुपये उधारी का 30 प्रतिशत है।
केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘अब तक केंद्र सरकार की कुल उधारी पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 55 प्रतिशत ज्यादा है। स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन और इसके असर के कारण केंद्र सरकार का राजस्व संग्रह प्रभावित होने की वजह से केंद्र सरकार की उधारी बढ़ी है।’