म्युचुअल फंड उद्योग के प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों में मार्च महीने में 8.93 प्रतिशत की कमी देखी गई है।
असोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक मार्च महीने के अंत में म्युचुअल फंड कंपनियों की प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति5,14,617 करोड़ रुपये थी।
रिलायंस म्युचुअल फंड की प्रबंधनाधीन प्ररिसंपत्ति 90,937 करोड़ रुपये थी और यह शीर्ष स्थान पर बना रहा। यद्यपि फरवरी महीने (93,531.67 करोड़ रुपये) से तुलना की जाए तो फंड की परिसंपत्तियों में 2.77 प्रतिशत की कमी आई। फरवरी महीने में रिलायंस म्युचुअल फंड की प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति एक लाख करोड़ रुपये की ओर अग्रसर थी।
जेएम फाइनैंशियल और एस्कॉर्ट्स म्युचुअल फंडों ने अभी मार्च महीने की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों का खुलासा नहीं किया है। विश्लेषक परिसंपत्तियों में आई गिरावट का श्रेय उच्च कॉल रेट और बाजार में आई तरलता की कमी को देते हैं।
माता सिक्योरिटीज के राष्ट्रीय प्रमुख समीर कामदार ने कहा, ‘ मार्च का महीना म्युचुअल फंडों के लिए काफी मुश्किल महीना था। कई सारी बैलेंस शीटों का प्रबंधन होना था और बैंकों और कॉर्पोरेट द्वारा पैसे भी निगाले गए। बाजार और अग्रिम कर की तारीख ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई।’
आईसीआईसीआई एसेट मैनेजमेंट दूसरी सबसे बड़ी फंड हाउस थी जिसकी प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति 54,321 करोड़ रुपये थी। फरवरी माह में इस फंड हाएस की प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति 59,277.65 करोड़ रुपये थी जिसमें मार्च महीने में 8.36 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। यूटीआई म्युचुअल फंड ने मार्च महीने में 48,982 करोड़ रुपये का प्रबंधन किया जो फरवरी माह की तुलना में 6.63 प्रतिशत कम था।
एचडीएफसी म्युचुअल फंड ने म्युचुअल फंड उद्येग में अपना चौथा स्थान बरकरार रखा है। इसकी प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति 44,773 करोड़ रुपये थी जिसमें फरवरी महीने की तुलना में 3.28 प्रतिशत की कमी देखी गई। बिड़ला सन लाइफ म्युचुअल के प्रबंधनाधीन संपत्ति में मार्च महीने में 3.46 प्रतिशत की कमी आई। उल्लेखनीय है कि यह फंड हाउस देश का पांचवां सबसे बड़ा फंड हाउस है।
पारंपरिक तौर पर, विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि, मार्च का महीना म्युचुअल फंडों के लिए सबसे बुरा होता है क्योंकि इस महीने संस्थानों द्वारा भारी रिडंप्शन किया जाता है।
ऐसा आकलन है कि 50,000 करोड़ रुपये से अधिक अग्रिम कर भुगतान के तौर पर गया है और दूसरी तरफ बैंक भी अपनी परिसंपत्तियों को बढ़ाने में लगे थे।