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आरबीआई 10 वर्षीय बॉन्ड नहीं लाएगा

Last Updated- December 12, 2022 | 3:27 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) शुक्रवार को बाजार से करीब 14,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए मौजूदा 10 वर्षीय बॉन्ड का इस्तेमाल करेगा। इसके साथ ही इस पत्र के जरिये जुटाई जाने वाली रकम बढ़कर 1.33 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी, जो संभवत: किसी प्रतिभूति से जुटाई जाने वाली सर्वाधिक राशि है।
इससे इस भरोसे को भी बल मिला है कि केंद्रीय बैंक नया 10 वर्षीय बॉन्ड पेश करने में जल्दबाजी नहीं दिखा सकता है और इसके बजाय वह मौजूदा प्रतिभूति के साथ बना रहेगा। बिजनेस स्टैंडर्ड ने शुरू में यह रिपोर्ट प्रकाशित की और कहा था कि बाजार को उम्मीद है कि ऐसे समय में आरबीआई 10 वर्षीय पत्र पेश नहीं करेगा जब सभी केंद्रीय बैंक पहले ऐसा कर चुके हैं।
भले ही मौजूदा 10 वर्षीय बॉन्ड को लेकर बकाया 1.19 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है, जिसे बॉन्ड निर्गम का ऊपरी दायरा समझा जाता है, लेकिन पिछली कोशिशों के तहत ज्यादातर 10 वर्षीय बॉन्ड का स्टॉक अब केंद्रीय बैंक के पास मौजूद है। केंद्रीय बैंक बॉन्ड प्रतिफल 6 प्रतिशत के आसपास बनाए रखने के लिए 10-वर्षीय खंड पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
चूंकि बाजार में इस पत्र की तरलता नहीं है, इसलिए कारोबारी मात्रा भी कमजोर पड़ गई है। सोमवार को, बाजार में बॉन्ड छठी सबसे ज्यादा कारोबार वाली प्रतिभूति थी और इसमें 375 करोड़ रुपये पर कारोबार हुआ। पिछले साल आरबीआई ने 10 वर्षीय प्रतिभूति पत्रों में तीन बार बदलाव किया था, क्योंकि प्रत्येक पत्र पर बकाया स्टॉक 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया था।
सामान्य तौर पर, नए बॉन्डों की पेशकश की घोषण प्रतिभूति से करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये जुटाए जाने के बाद की जाती है, लेकिन यह संभवत: पहला मामला है जब बॉन्ड के जरिये कोष उगाही इस सीमा के पार पहुंची है। इसका भी कोई संकेत नहीं है कि आरबीआई इस सीमा पर खरीदारी बंद करेगा।
मौजूदा 10 वर्षीय पत्र का इस्तेमाल करने की योजना का ऐलान 26,000 करोड़ रुपये की बॉन्ड नीलामी के तहत आरबीआई की वेबसाइट पर किया गया है।

First Published - June 21, 2021 | 9:20 PM IST

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