सेलेक्ट कंपनियों में मजबूती के बावजूद हेल्थकेयर सेक्टर की सितंबर तिमाही (Q2 FY26) कुल मिलाकर कमजोर रह सकती है। इसके पीछे मौसम का असर, लंबा मानसून और त्योहारों के कारण सर्जरी में देरी जैसी वजहें हैं। इसके बावजूद Nuvama के विश्लेषकों का अनुमान है कि सेक्टर का सालाना EBITDA लगभग 17 प्रतिशत बढ़ सकता है। इस बढ़ोतरी का मुख्य योगदान हॉस्पिटल और डायग्नोस्टिक्स कंपनियों से आने की उम्मीद है। इस क्षेत्र में Apollo Hospitals, Max Healthcare और Metropolis Healthcare को टॉप पसंद माना जा रहा है, जबकि Fortis Healthcare भी मजबूत तिमाही देने की संभावना रखता है।
हॉस्पिटल सेक्टर में करीब 18 प्रतिशत और डायग्नोस्टिक्स में लगभग 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद है। हालांकि, Q1 की तुलना में यह ग्रोथ थोड़ी कम रहेगी, क्योंकि मौसमी मामलों की संख्या कम रही और पिछले साल का बेस ज्यादा था। खासकर Apollo Hospitals की बात करें तो हॉस्पिटल की कमाई में सालाना करीब 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है, जबकि ऑक्युपेंसी घटकर 67 प्रतिशत रह सकती है। ARPOB में 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी और फार्मेसी बिजनेस में करीब 17 प्रतिशत की ग्रोथ Apollo के लिए सकारात्मक संकेत हैं। इसके डिजिटल आर्म 24/7 का विस्तार भी लगातार जारी है।
Fortis Healthcare की बात करें तो इसकी हॉस्पिटल रेवेन्यू सालाना लगभग 20 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है और EBITDA मार्जिन लगभग 23 प्रतिशत रहने का अनुमान है। ऑक्युपेंसी लगभग 70 प्रतिशत रहेगी और ARPOB में करीब 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की संभावना है। Fortis का डायग्नोस्टिक्स आर्म Agilus भी लगभग 8 प्रतिशत की ग्रोथ और 24 प्रतिशत के मार्जिन के साथ मजबूत रहने की उम्मीद है।
Max Healthcare भी मजबूत प्रदर्शन कर सकता है। इसके हॉस्पिटल रेवेन्यू में लगभग 22 प्रतिशत की सालाना बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। ऑक्युपेंसी 77 प्रतिशत रहने का अनुमान है और मार्जिन स्थिर रहकर लगभग 26.6 प्रतिशत रहने की संभावना है।
डायग्नोस्टिक्स सेक्टर में सालाना लगभग 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद है, लेकिन मानसून और त्योहारों के कारण सैंपल की संख्या प्रभावित हो सकती है। इस सेक्टर में Metropolis Healthcare सबसे अच्छा प्रदर्शन करेगा और इसे सालाना करीब 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी मिलने का अनुमान है। इसके बाद Vijaya Diagnostics और Dr Lal PathLabs की बढ़ोतरी क्रमशः लगभग 12 प्रतिशत और 11 प्रतिशत रहने की संभावना है।
विश्लेषकों का कहना है कि Q2 FY26 सामान्य से कमजोर तिमाही साबित हो सकती है, लेकिन FY26 की दूसरी छमाही में ग्रोथ बेहतर रह सकती है। इसका कारण कम बेस इफेक्ट और बढ़ती मांग को बताया गया है। हॉस्पिटल सेक्टर में CGHS प्राइस रिविज़न, बेड एक्सपेंशन और डायग्नोस्टिक्स में अधिग्रहण आधारित ग्रोथ जैसे फैक्टर्स आगे के नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं।