सरकार ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) और एनएचपीसी में अपनी दस फीसदी हिस्सेदारी घटाने के लिए तेजी से काम कर रही है। इसके अलावा य दोनों कंपनियां सितंबर से अक्टूबर के बीच में 10 फीसदी ताजा इक्विटी भी जारी करेंगी।
ये दोनों कंपनियां अमेरिकन डिपोजिटरी रिसीट के जरिए अमेरिका में सूचीबध्द होने का प्रयास भी कर रही हैं। सरकार ने इन दोनों कंपनियों से अपने एकाउंट और बैलेंस सीट को जून केअंत तक अमेरिकन जीएएपी के तहत तैयार करने के लिए कहा है। लेकिन इस पर कोई भी अंतिम निर्णय अमेरिकी बाजार के प्रदर्शन पर ही निर्भर करेगा।
वीएसएनएल को टाटा को बेच दिये जाने के बाद एमटीएनएल और गेल दो ही ऐसी कंपनियां है जो अमेरिकी बाजार में सूचीबध्द हैं। अधिकारी ने कहा कि घरेलू बाजार में लिस्टिंग के मामले को भी सुलझा लिया गया है। इसके लिए सेबी के प्रावधान 49 के तहत उस कंपनी में स्वतंत्र निदेशक मंडल बनाया जाता है। सरकार ने इन दोनों कंपनियों में स्वतंत्र निदेशकों और निदेशक मंडल की तैनाती को तय कर लिया था। लिस्टिंग के लिए जरुरी है कि कंपनी बोर्ड के आधे सदस्य स्वतंत्र निदेशक हों यदि बोर्ड का प्रमुख कोई कार्यकारी निदेशक हो ।
एक अधिकारी ने कहा कि ऑयल इंडिया और एनएचपीसी धारा 49 के प्रावधानों के काफी करीब हैं और इन कंपनियों के सार्वजनिक पेशकश की प्रक्रिया भी जल्दी ही शुरु होगी। ऑयल इंडिया का टर्नओवर 6,100 करोड़ का है और कंपनी को 1,800 करोड़ का शुध्द लाभ हुआ है। जबकि एनएचपीसी का कुल कारोबार करीब 3,155 करोड़ का है और कंपनी ने वित्त्तीय वर्ष 2007 से 2008 के दौरान 1,004 करोड़ का शुध्द लाभ कमाया।