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मंदी में अमेरिकी निवेशकों की जेबें सबसे ज्यादा हल्की हुईं

Last Updated- December 05, 2022 | 5:02 PM IST

होली के बाद बाजार में भले ही बाजार में नई जान आ गई हो लेकिन इस साल जनवरी से शुरू हुए करेक्शन ने बडे बड़ों की तिजोरी हल्की कर दी है।


ऐसा नहीं कि केवल घरेलू निवेशकों को ही इस मंदी का नुकसान उठाना पडा है बल्कि उससे कही ज्यादा बर्बाद हुए हैं अमेरिकी निवेशक। पिछले करीब दो सवा दो महीनों में भारतीय निवेशकों की करीब 506 अरब डॉलर की संपत्ति स्वाहा हो गई है। इसमें से 300 अरब की संपत्ति तो केवल लिस्टेड कंपनियों के प्रमोटरों की जेब से गई है।


सेंसेक्स के तीस स्टॉक्स की बात की जाए तो इन स्टॉक्स में ही निवेशकों ने 200 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान उठाया है लेकिन अमेरिकी निवेशकों को इस मंदी से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। अमेरिकी डाउ जोंस के तीस स्टॉक्स में ही निवेशकों की जेबें 400 अरब डॉलर से ज्यादा हल्की हुई हैं। लेकिन प्रतिशत में नुकसान का आकलन किया जाए तो सेंसेक्स के स्टॉक्स ने 26 फीसदी से ज्यादा का नुकसान उठाया है जबकि डाउ जोंस के इंडेक्स स्टॉक्स ने केवल 8.7 फीसदी का नुकसान झेला है।


डाउ जोंस की बात करें तो इस गिरावट में भी इंडेक्स की छह कंपनियां पिछले साल के आखिरी भावों की तुलना में फायदे में हैं जबकि सेंसेक्स में ऐसी केवल दो ही कंपनियां हैं (हिंदुस्तान यूनीलीवर और रैनबैक्सी)। डाउ जोंस की तीस कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू जो 2007 के आखिर में 4.5 खरब डॉलर थी घटकर 4.1 खरब डॉलर पर आ गई है जबकि इस दौरान सेंसेक्स का मार्केट कैप 28,88,000 करोड़ रुपए (735 अरब डॉलर) से घटकर 21,40,000 करोड़ रुपए यानी 537 अरब डॉलर पर आ गया है।


सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाले शेयरों की बात करें तो डाउ में सबसे ज्यादा गिरावट सिटी ग्रुप के हिस्से आई जो 26.63 फीसदी टूटा, इसके अलावा मर्क, एआईजी और जनरल मोटर्स को 20 फीसदी से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। उधर सेंसेक्स में सबसे भारी गिरावट जयप्रकाश एसोसिएट्स ने देखी जो 52 फीसदी गिर गया। ये कंपनी हाल ही में सेंसेक्स में शामिल की गई थी।


इसके अलावा अनिल अंबानी समूह की रिलायंस एनर्जी और रियालिटी सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी डीएलएफ को इस दौरान 43 और 42 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ा जबकि रिलायंस कम्यूनिकेशन, आईसीआईसीआई बैंक, एल ऐंड टी और टाटी स्टील का मार्केट कैप 30-30 फीसदी से ज्यादा गिर गया।


रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, भारती एयरटेल, बीएचईएल, टीसीएस, इंफोसिस, एचडीएफसी, विप्रो, एचडीएफसी बैंक, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, हिंडाल्को, एम ऐंड एम और एसीसी भी 20-20 फीसदी से ज्यादा गिरे जबकि हिंदुस्तान यूनीलीवर और रैनबैक्सी इस दौरान 5-5 फीसदी मजबूत हो गए। इसके अलावा दूसरी कंपनियों का नुकसान 3-20 फीसदी के बीच रहा है।


डाउ जोंस में भी इस गिरावट में ऐसे स्टॉक्स रहे जो मजबूत हुए हैं। दुनिया के सबसे बड़े रीटेलर वॉलमार्ट के स्टॉक्स इस दौरान 10.8 फीसदी चढ़ गए जबकि आईबीएम 8 फीसदी, डू पॉन्ट 3.8 फीसदी, होम डिपो 2.2, कैटरपिलर 1.7 और जेपी मॉर्गन चेस 0.55 फीसदी चढ़ गए। 


वैल्यू की बात करें तो डाउ जोंस में सबसे बड़ी मार पड़ी माइक्रोसॉफ्ट को जिसका मार्केट कैप इस गिरावट में 63 अरब डॉलर घट गया जबकि सिटी ग्रुप और एक्सॉनमोबिल की 40-40 अरब डॉलर की पूंजी साफ हो गई। इसी तरह सेंसेक्स की कंपनियों में वैल्यू के लिहाज से सबसे तगड़ा नुकसान झेला रिलायंस इंडस्ट्रीज ने, जिसकी 105,000 करोड़ की पूंजी साफ हो गई, जबकि डीएलएफ की 77,000 करोड़ रुपए की पूंजी इस गिरावट की भेंट चढ़ी।


इनके अलावा ओएनजीसी, एनटीपीसी, रिलायंस कम्यूनिकेशन और आईसीआईसीआई ने भी 50-50 हजार करोड़ का नुकसान बर्दाश्त किया है। लेकिन इस दौरान हिंदुस्तान यूनीलीवर और रैनबैक्सी के निवेशकों की पूंजी 2500 और 900 करोड़ रुपए बढ़ गई है। 

First Published - March 25, 2008 | 11:11 PM IST

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