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पेटीएम का झटका: वास्तविकता की परख जरूरी

Last Updated- December 11, 2022 | 11:25 PM IST

सूचीबद्घता के दिन पेटीएम की शेयर कीमत में गिरावट उन निवेशकों के लिए सबक लेकर आई है जो मोटी कमाई के चक्कर में आईपीओ में ज्यादा उत्साह दिखाते थे। इस साल सूचीबद्घ हुईं ऐसी कई कंपनियों के लिए पहले दिन के आकर्षक प्रतिफल ने बड़ी तादाद में नए निवेशकों को जोखिम को ज्यादा ध्यान दिए बगैर प्राथमिक बाजार में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया।  
करीब 50 मुख्य कंपनियां अपने आईपीओ लाने के बाद इस साल सूचीबद्घ हुईं और उनमें पहले दिन औसत 31 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। इसके अलावा, 10 आईपीओ 5 प्रतिशत या उससे कुछ ज्यादा गिरावट के साथ भी सूचीबद्घ हुए। पेटीएम में 27 प्रतिशत की गिरावट इस साल सूचीबद्घ हुए आईपीओ के लिए सबसे बड़ी गिरावट रही है।
विश्लेषकों का कहना है कि पेटीएम की सूचीबद्घता के नुकसान से निवेशकों को आईपीओ आवेदन करने से पहले कंपनियों पर गहराई से विचार करने की प्रेरणा मिलेगी। इसके अलावा, निवेश बैंकर और कंपनियां भी अपनी पेशकशों की कीमतों को लेकर ज्यादा
वास्तविक होंगी।
स्वतंत्र विश्लेषक अंबरीश बालिगा कहते हैं, ‘मर्चेंट बैंकरों, प्रवर्तकों और निजी इविकटी निवेशकों के लिए यह स्पष्ट संकेत है कि आपको नए निवेशकों को कुछ समझने का मौका देने की जरूरत होगी। हमें यह समझना होगा कि नए जमाने की कंपनियां कुछ समय तक पूंजी नहीं कमाएंगी। लेकिन फिर आईपीओ लाने समय मुनाफे के संबंध में कुछ दृश्यता पर ध्यान देने की जरूरत होगी। आप यह नहीं कह सकते कि हम कमाई कभी नहीं कर पाएंगे।’
विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों को खासकर नुकसान में चल रही कंपनियों के लिए बड़े मूल्यांकन को देखते हुए एक रणनीति बनानी चाहिए।
इक्विनोमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम का कहना है कि हाई-रिस्क दांव और निवेशक लेकर ज्यादा उन्मादी होने के बीच अंतर है। यह एक ऐसा जोखिम है कि यदि आप तेजी वाले इक्विटी बाजार में 40 या 80 प्रतिशत पीई मूल्यांकन देते हैं। वहीं यदि आप गलत साबित होते हें तो आपको तेजी से बढ़ रही कंपनी द्वारा मुनाफे कमाने से आपकी रकम वापस मिल जाएगी। या एक-दो साल में सकारात्मक स्थिति में आने की संभावना रहेगी। अन्यथा, आपको ऐसे आईपीओ से दूर रहना चाहिए, हालांकि वे आकर्षक दिख सकते हैं।
विश्लेषकों ने इस तर्क पर भी सवाल उठाया है कि भारतीय बाजार इतने ज्यादा परिपक्व हो गए हैं कि वे नुकसान में चल रहे यूनिकॉर्न को स्वीकार या पसंद करते हैं। वे तर्क देते हैं कि इन यूनिकॉर्न के पास इतने ज्यादा अत्याधुनिक तकनीकी उत्पाद कभी नहीं थे जितने कि अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों से जुड़े हुए थे।
बाजार जानकारों का कहना है कि निवेशक सिर्फ सूचीबद्घता लाभ को ध्यान में रखकर आईपीओ पर दांव लगा रहे हैं। बालिगा कहते हैं, ‘इन आईपीओ में निवेश करने वाले निवेशक इसी तरह के लोग हैं। वे मुनाफे पर निकलने के लिए ही आवेदन करते हैं और इनमें से ज्यादातर कंपनी के बुनियादी आधार के बजाय ग्रे बाजार को देखते हैं।’
हालांकि कुछ विश्लेषकों ने यह भी चेताया है कि आईपीओ बाजार का किसी शेयर के शुरुआती प्रदर्शन के आधार पर आकलन करना उचित नहीं होगा।
प्राइम डेटाबेस के संस्थापक पृथ्वी हल्दिया ने कहा, ‘प्रत्येक कंपनी अपने स्वयं के बुनियादी आधार के साथ खास होती है। प्रत्येक कंपनी बाजार के तरीकों के आधार पर अलग अलग प्रदर्शन करेगी।’

First Published - November 20, 2021 | 12:06 AM IST

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