अदाणी-हिंडनबर्ग मामले की वजह से लगातार दूसरे महीने उतार-चढ़ाव बरकरार रहने से इक्विटी बाजार कैलेंडर वर्ष 2023 में अब तक सीमित दायरे में बने हुए हैं।
आगामी बाजार राह को लेकर पैदा हुई अनिश्चितता को देखते हुए विश्लेषकों का मानना है कि निवेशक अपना निवेश आवंटन हाई बीटा शेयरों से रक्षात्मक दांव की ओर मोड़ सकते हैं। हालांकि उनका कहना है कि रक्षात्मक दांव क्षेत्र में खास चयन के जरिये ही लगाया जाना चाहिए।
जहां एनएसई निफ्टी विदेशी निवेशकों द्वारा बड़ी बिकवाली के बीच सूचकांक कैलेंडर वर्ष 2023 में अब तक 1 प्रतिशत से ज्यादा कमजोर हुआ है, वहीं निफ्टी एफएमसीजी जैसे रक्षात्मक दांव और आईटी सूचकांकों का प्रदर्शन प्रमुख सूचकांक के मुकाबले 3.4 प्रतिशत और 8 प्रतिशत तक बेहतर रहा है, जबकि फार्मा सूचकांक में 2 प्रतिशत की कमजोरी दर्ज की गई।
विश्लेषकों का मानना है कि एफएमसीजी क्षेत्र में सकारात्मक रुझान बना रहेगा, क्योंकि बजट में उपभोक्ता खर्च बढ़ाने और मुद्रास्फीति नियंत्रित करने के प्रयासों को बढ़ाया दिया गया है।
1 फरवरी को सरकार ने नई आयकर व्यवस्था के तहत कर स्लैब में बदलाव किए थे, जिसमें 7 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त किया गया। सैमको सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक संजय मूरजानी का मानना है कि इससे उपभोक्ताओं के लिए ज्यादा खर्च योग्य आय को बढ़ावा मिलेगा और एफएमसीजी क्षेत्र के लिए यह सकारात्मक साबित होगा।
इसके अलावा, कृषि ऋण के लिए आवंटन बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किए जाने से भी कृषि आय को मजबूती मिल सकती है।
हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि निवेशकों को निकट भविष्य में ग्रामीण मांग में लगातार कमजोरी को देखते हुए शेयरों के चयन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
आईडीबीआई कैपिटल के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर ने आईटीसी जैसे शेयरों को पसंद किया है, जिसने वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में सपाट राजस्व के बावजूद मजबूत मुनाफा दर्ज किया है।
उन्होंने कहा, ‘हमें सुधरते मुनाफे को ध्यान में रखते हुए एक साल के नजरिये से आईटीसी में 15 प्रतिशत तक की तेजी आने की संभावना है। हम ब्रिटानिया को भी पसंद कर रहे हैं जो मौजूदा स्तरों पर अच्छी कीमत पर है।’
सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के संदर्भ में प्रभाकर का कहना है कि लार्ज-कैप आईटी कंपनियां भविष्य में पैदा होने वाली चुनौतियों का आसानी से मुकाबला कर सकती हैं।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गौरांग शाह का कहना है, ‘तीसरी तिमाही की आय से पहले व्याप्त नकारात्मक घटनाक्रम के बावजूद आईटी कंपनियों द्वारा अच्छे नतीजे पेश करने से नजरिया बदल गया है। मूल्यांकन-वार, आईटी शेयरों में समय और कीमत के संदर्भ में गिरावट आई और मौजूदा समय में इनमें सुधार आ रहा है। हम इन्फोसिस, एचसीएल टेक,और टेक महिंद्रा, जबकि केपीआईटी टेक, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, और मिडकैप से एलटीआईमाइंडट्री पर सकारात्मक हैं।’
इस बीच, फार्मा कंपनियों का प्रदर्शन दिसंबर तिमाही में काफी हद तक मिश्रित रहा है। सन फार्मा और डॉ. रेड्डीज ने शानदार आंकड़े पेश किए हैं, जबकि सिप्ला के नतीजों पर दबाव दिखा है।