भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड(सेबी)ने विदेशी संस्थागत निवेशकों और उनके सब-एकाउंट्स को विदेशी बाजारों में लेंडिंग और बॉरोइंग के बारे में विस्तार से जानकारी मुहैया करने के लिए कहा है।
सेबी के इस कदम से पार्टिसिपेटरी-नोट या पी-नोट्स के जरिये शॉर्ट सेलिंग पर रोक लग सकती है। उल्लेखनीय है कि विदेशी संस्थागत निवेशक पी-नोट्स केजरिये रखे गए थर्ड पार्टी शेयरों को विदेशों में दूसरे निवेशकों को दे रहें हैं और इसकेबदले में ये निवेशक भारतीय बाजार में शेयरों की बिकवाली कर रहे थे।
एक प्रेस नोट जारी कर सेबी ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों और सब-एकाउंट द्वारा भारतीय बाजार में बिकवाली इन इकाईओं द्वारा विदेशों में दिए गए शेयरों पर आधारित है। बाजार में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए इन इकाईओं द्वारा विदेशों में दिए गए सेक्योरिटीज केपोजीशन की जानकारी कंसोलिडेट बेसिस पर सप्ताह में दो दिन- मंगलवार और शुक्रवार को मुहैया की जाएगी।
सेबी के इस कड़े कदम से इन शेयरों की बाजार में भारी पुनर्खरीदारी हो सकती है। पिछले साल सेबी के पी-नोट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के बाद कई विदेशी संस्थागत निवेशक और उनके सब-एकाउंट अपने पास रखे शेयरों को पी-नोट धारकों द्वारा दूसरे संस्थागत निवेशकों को दे रहें हैं। इन शेयरों को भारतीय बाजार में इस बात को ध्यान में रखकर बेचा गया था कि बाजर में कीमतें कम होने के समय इनको खरीदा जा सके।
इसके कारण बाजार में शॉर्ट सेलिंग हुई। पिछले कुछ महीनों में इस तरह की बिकवाली घरेलू शेयर बाजार में धड़ल्ले से होती आ रही है। सेबी द्वारा इस तरह की शॉर्ट सेलिंग की इजाजत है अगर इस तरह से बेचे जाने वाले शेयर कुछ निश्चित प्रक्रियाओं के पालन के बाद उधार लिए जाते हैं।
अभी तक पी-नोट धारकों के पास रखे गए शेयर की शॉर्ट-सेलिंग को किसी भी नियामक, न हीं सेबी और न ही उन देशों के नियामक को दी गई जहां पर कि शॉर्ट-सेलिंग हो रही थी। कई विदेशी संस्थागत निवेशक ब्रोकर इन शेयरों को कमीशन के खिलाफ उधार दे रहे थे।
इनमें से तो कई तो भारतीय शेयर बाजार में कारोबार करने पर प्राप्त होनेवाले कमीशन का तीन से चार गुना तक का मुनाफा कमा रहे थे। इस काम के तरीके को स्पष्ट करते हुए इन कारोबार में संलग्न एक ब्रोकर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विदेशी संस्थागत निवेशक ने अपने क्लाइंटों को रोजाना उपलब्ध शेयरों की सूची बिना वास्तविक मालिक को कुछ बताए दी।
एक ब्रोकर ने कहा कि शेयरों के वास्तविक हकदार शायद ही जान पाते हैं कि उनके शेयरों को दूसरों को दिया जा रहा है और विदेशी संस्थागत निवेशक इनसे मुनाफा कमा रहें हैं। सेबी इन जानकारियों को अपने वेबसाइट पर लगाएगी और यह पहली बार शुक्रवार को लगाया जाएगा। इस तरह की बिकवाली बाजार को बहुत ही नुकसान पहुंचा रही थी क्योंकि दीर्घ अवधि के लिए रखे गए शेयरों की बिकवाली जोरों पर हो रही थी।