सितंबर में दरें घटाने के अमेरिकी फेडरल रिजर्व के इशारे से शेयर बाजार का बेंचमार्क निफ्टी उछलकर पहली बार 25,000 के पार पहुंच गया। सेंसेक्स भी दिन के कारोबार में 82,000 का आंकड़ा लांघ आया।
निफ्टी 25,078 अंक का उच्चतम स्तर छूने के बाद 60 अंक की बढ़त के साथ 25,011 पर बंद हुआ। सेंसेक्स 126 अंक चढ़कर 81,868 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सूचकांक 82,129 तक पहुंच गया था। निफ्टी 13 सितंबर, 2023 को पहली बार 20,000 के ऊपर बंद हुआ था। इसके बाद 5,000 अंक का सफर 219 दिन में पूरा कर लिया। सेंसेक्स ने भी पिछले 1,000 अंक की उछाल 11 सत्र में ही लगा ली।
इस साल निफ्टी 15 फीसदी चढ़ चुका है और वैश्विक बाजारों में सबसे अच्छा रिटर्न इसी का रहा है। भारत की वृद्धि की संभावनाएं और निवेश में तेजी देखकर सूचकांक छलांग लगा रहा है।
आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी के प्रबंध निदेशक और सीईओ ए बालसुब्रमण्यन ने कहा, ‘देश की आर्थिक वृद्धि और कंपनियों के मजबूत प्रदर्शन के दम पर बेंचमार्क सूचकांक अब तक के सबसे ऊंचे पड़ावों पर पहुंच रहे हैं। कंपनी जगत को कम मुद्रास्फीति, कम ब्याज दर और मुद्रा बाजार में स्थिरता जैसे वृहद आर्थिक कारकों का लाभ मिला है। कंपनियां विस्तार के लिए पूंजी जुटाने में भी सफल हो रही हैं और बाजार की क्षमता में भरोसा जता रही हैं।’
अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को ब्याज दरें 5.25 से 5.5 फीसदी के दायरे में ही रखीं मगर संकेत दिया कि मुद्रास्फीति के आंकड़े कम रहते हैं तो अगले महीने दरों में कटौती की जा सकती है।
फेड के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने कहा कि अगर मुद्रास्फीति कम होने का भरोसा बढ़ता है, जोखिम संतुलन बना रहता है तथा श्रम बाजार मजबूत रहता है जो सितंबर में दरें घटाई जा सकती हैं। फेडरल ओपन मार्केट कमिटी ने कहा कि 2 फीसदी मुद्रास्फीति लक्ष्य हासिल करने की दिशा में प्रगति हुई है।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘दर में कटौती पहले लगाए गए अनुमान से जल्दी होगी और बाजार इससे खुश हो रहा है। मुद्रास्फीति लक्ष्य के करीब आई है मगर बाजार पश्चिम एशिया की चिंता को नजरअंदाज कर रहा है। मेरे हिसाब से इस पर नजर रखने की जरूरत है।’
इजरायल और ईरान में बढ़ते तनाव, पूंजी बाजार पर कर में बढ़ोतरी और कंपनियों की कमाई में उम्मीद से कम इजाफे जैसी चुनौतियों के बावजूद बाजार में निवेश बढ़ने से तेजी देखी जा रही है।
पिछले महीने विदेशी और देसी निवेशकों का प्रवाह मजबूत बना रहा। जुलाई में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 34,000 करोड़ रुपये का निवेश किया और देसी संस्थागत निवेशकों ने 20,000 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।