चार साल के लंबे इंतजार के बाद पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने लोगों की रिटायरमेंट जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पेंशन फंड का बेहतर निवेश करने की प्रक्रिया तेजी कर दी है।
सूत्रों का कहना है कि इसके लिए नियामक संबंधित फंड मैनेजरों से निविदा आमंत्रित करेगी। उसके बाद वह निवेश की योजना तैयार कर वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी लोगों को अवगत कराएगी।
पीएफआरडीए की योजना के मुताबिक, फंड मैनेजरों को दिसंबर के मध्य तक आमंत्रित किया जा सकता है। नियामक 26 फीसदी विदेशी हिस्सेदारी वाली एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को भी इसमें बुला सकता है।
हालांकि इसके लिए कंपनी की प्रारंभिक पूंजी कम से कम 10 करोड़ रुपये होनी चाहिए। पीएफआरडीए के मानकों के मुताबिक, जिन कंपनियों को इसके लिए चुना जाएग, उन्हें पेंशन फंड के प्रबंधन के लिए अलग से एसेट मैनेजमेंट कंपनी बनानी होगी। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस पेंशन फंड से संबंधित बिल अभी संसद में लंबित है।
पेंशन फंड के प्र्रबंधन के लिए कितने फंड मैनेजर होंगे, इसकी संख्या के बारे में नियामक अभी निर्णय नहीं कर पाया है। सूत्रों का कहना है कि प्रारंभिक चरण में कम से कम छह कंपनियों को तो जरूर शामिल किया जाएगा। उसके बाद इसकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ाई जाएगी।