शुक्रवार का कारोबारी सत्र समाप्त होने पर निफ्टी 359 अंक लुढ़ककर 2584 पर बंद हुआ।
बाजार दिन भर पूरी तरह मंदड़ियों के कब्जे में रहा और निफ्टी हाजिर भाव पर डिस्काउंट 15 के मुकाबले बढ़कर 44 अंक होने के बावजूद शॉर्ट पोजिशन रोल ओवर हुईं। जिन शेयरों में सबसे ज्यादा कारोबार होता है, वे दिन के सबसे कम भाव पर बंद हुए और मंदड़ियों ने चालू महीने की सीरीज 29 अक्टूबर को बंद होने से पहले भी अपने शॉर्ट कवर नहीं किए।
कारोबारी सत्र शुरू होने के बाद निफ्टी के 2900 के सपोर्ट लेवल पर लड़खड़ाने के बाद सूचकांक और भी गिरा और 2600 के सर्पोट लेवल से भी नीचे जाकर बंद हुआ। निफ्टी के अगले सपोर्ट लेवल के बारे में तकनीकी विश्लेषकों के अलग-अलग अनुमान हैं।
कुछ का मानना है कि निफ्टी को 1900-2000 के स्तर पर भारी सपोर्ट मिलेगा और दूसरों के मुताबिक सूचकांक के लिए 2300 और उससे नीचे 2180 पर सपोर्ट मिलेगा।ऑप्शन कारोबारियों को उम्मीद है कि निफ्टी पर 2400 के स्तरों के नीचे कारोबार होगा।
निफ्टी के नवंबर वायदा भाव में डिस्काउंट पर 403 लाख शेयरों का रोलओवर हुआ, जिससे ऑप्शंस में भी मंदी का भाव जाहिर हुआ। निफ्टी 2900 का सपोर्ट लेवल नहीं रख सका, इसलिए 2900 स्ट्राइक नवंबर की सीरीज में शॉर्ट पोजिशंस की अनवाइंडिंग देखी गई और नवंबर सीरीज के लिए 3000 स्ट्राइक पर खरीदार नहीं थे।
मंदी के इस माहौल में भी कुछ निवेशकों ने अपना हौसला नहीं खोया। ऐसे जोशीले और धीरज रखने वाले निवेशकों ने खरीदारी से परहेज नहीं किया। उन्हें नवंबर सीरीज की 2800 और 2900 स्ट्राइक्स कॉल खरीदते हुए देखा गया। मजे की बात है कि उन्होंने 17 फीसद के आसपास प्रीमियम देकर खरीदारी की। दरअसल उन्हें उम्मीद रही कि बाजार में भारी उतार चढ़ाव के बीच सूचकांक 3050 के स्तर तक चढ़ जाएगा।
मंदी के हथौड़े के नीचे कुचल रहे निवेशकों की वजह से बाजार में कुल मिलाकर हायतौबा का माहौल रहा, इसीलिए माना जा रहा है कि निवेश के लिहाज से यह वक्त सबसे ज्यादा मुफीद है। लेकिन जरूरी है कि निवेशक बुनियादी तौर पर मजबूत और अच्छे शेयरों को चुनें और उन्हीं में व्यवस्थित तरीके से निवेश करें।