इस साल अब तक शेयर बाजार में तेजी के मामले में बीएसई सेंसेक्स 30 निफ्टी 50 से करीब 314 आधार अंक पीछे रह गया है। इन दोनों सूचकांकों में मुख्य रूप से ब्लूचिप कंपनियों के शेयर शामिल हैं। लेकिन सेंसेक्स में ज्यादातर भारांश वित्तीय शेयरों का है और धातु कंपनियों के शेयर नहीं हैं, जिससे उसके प्रदर्शन पर असर पड़ा है, जबकि हाल के समय में धातु कंपनियों के शेयरों में तेजी का फायदा निफ्टी 50 को मिला है।
इस साल अब तक सेंसेक्स 1.97 फीसदी चढ़ा है, जबकि निफ्टी में 5.11 फीसदी की तेजी आई है। कैलेंडर वर्ष 2020 में सेंसेक्स ने 15.8 फीसदी का रिटर्न दिया था और निफ्टी का रिटर्न 14.9 फीसदी रहा था।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल बाजार का प्रदर्शन व्यापक स्तर पर रहा है, जिससे सेंसेक्स को उतना लाभ नहीं मिला। सेक्टर के भारांश के आधार पर विश्लेषण से पता चलता है कि बैंक और वित्तीय शेयरों का भारांश सेंसेक्स में 42 फीसदी और निफ्टी में 35.4 फीसदी है। लेकिन इस साल वित्तीय शेयरों का प्रदर्शन थोड़ा कमतर रहा है। निफ्टी वित्तीय सेवा सूचकांक इस साल अब तक दो फीसदी से भी कम चढ़ा है।
निफ्टी में धातु शेयरों का भारांश बेशक 4 फीसदी से कम है, लेकिन इस साल इन शेयरों का प्रदर्शन शानदार रहने का निफ्टी को फायदा मिला है। निफ्टी में शामिल जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील इस साल अब तक करीब 80 फीसदी से ज्यादा चढ़े हैं। उधर सेंसेक्स 30 में धातु कंपनियों का कोई शेयर नहीं है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में शामिल टाटा स्टील की जगह पिछले साल दिसंबर में डॉ. रेड्डीज ने ले ली थी।
एक विश्लेषक ने कहा, ‘दोनों सूचकांकों में शीर्ष भारांश वाली कंपनियां समान हैं। सेंसेक्स में तेजी मुख्य रूप से केवल 30 शेयरों के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। जब चुनिंदा शेयरों में तेजी आती है तो सेंसेक्स का प्रदर्शन निफ्टी से बेहतर रहता है, जैसा 2017 और 2020 में देखा गया था।’
सेंसेक्स और निफ्टी के प्रदर्शन का असर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के माध्यम से निवेश करने वालों पर भी पड़ता है। घरेलू ईटीएफ और सूचकांक फंड व्यापक तौर पर दोनों सूचकांकों से प्रभावित होता है।
1.25 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों (31 मार्च तक) वाले करीब 17 ईटीएफ और 10,718 करोड़ रुपये की संपत्ति वाले 15 सूचकांक फंडों का बेंचमार्क निफ्टी 50 सूचकांक हैं। सेंसेक्स को 56,930 करोड़ रुपये संपत्ति वाले 9 ईटीएफ और 2,540 करोड़ रुपये संपत्ति वाले पांच सूचकांक फंड ट्रैक करते हैं।