जनवरी के उछाल के बाद से 25 फीसदी का गोता लगा चुके बाजार में इस साल लिस्टेड हुए म्युचुअल फंड बाजार की मंदी की मार झेल रहे हैं।
लिस्टेड फंडों में ज्यादातर एनएवी यानी शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य अपने लिस्टेड कीमत से भी कम पर कारोबार रहे हैं। एक ओर जहां इसने उन निवेशकों की आशाओं पर पानी फेर दिया है,वहीं इसने हालिया बंद हुए एनएफओ यानि न्यू फंड ऑफर के प्रति रिस्पांस को भी काफी ठंडा करके रख दिया है।
मसलन,मार्गन स्टैनली का एसीई फंड,एआईजी इंफ्रास्ट्रक्चर और इकॉनामिक फंड समेत रिलायंस के नैचुरल रिसोर्स फंड मंदी की मार झेलने वाले फंडों की फेहरिस्त में हैं। मार्गन स्टैनली का एसीई फंड जहां 10.13 रुपये के एनएवी पर लिस्टेड हुआ था इस वक्त महज 9.82 रुपये पर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा इसने 1.80 फीसदी का निगेटिव रिटर्न भी दिया है।
रिलायंस नैचुरल रिसॉर्स फंड की बात करें तो 10.15 रुपये के एनएवी पर लिस्टेड हुआ यह फंड कुल 9.70 रुपये पर कारोबार कर रहा है,जबकि अपनी स्थापना के बाद से इसने 2.92 फीसदी का रिटर्न दिया है। लेकिन बात सिर्फ इतनी ही नही है,बल्कि यहां कई ऐसे कारक हैं जिन्होनें एनएफओ के प्रति जूनूनी निवेशकों के विश्वास को हिला कर रख दिया है।
फिर बात चाहे तेल और आग आसमान छूती कीमतों की करें या फिर प्राकृतिक संसाधनों और मझोले समेत छोटे कैप शेयरों की सबकी कीमतों ने इन एनएफओ को धराशाई करने में कोई कसर बाकी नही रखी है। इन सबके बीच सबसे चौंकानेवाला काम आधारभूत संरचना के फंडों ने की है कि पिछले साल सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले इन फंडों ने उम्मीद के बिल्कुल उलट इस साल अब तक सबसे ज्यादा निगेटिव रिटर्न दिए हैं।
इस फेहरिस्त में एलआईसी इंफ्रास्ट्रक्चर ने -13.12 फीसदी का जबकि एचडीएफसी इंफ्रा-स्ट्रक्चर ने -12.87 फीसदी का रिटर्न दिया है। दोनों के साथ दिलचस्प पहलू यह है कि दोनों केयह परिणाम उनकी स्थापना के बाद के हैं। इस बाबत प्रॉमिनेन्ट डिस्ट्रीब्यूशन हाऊस के सीईओ का कहना है कि आज के दौर में आधारभूत संरचना की परिभाषा काफी वृहद हो चुकी है और यह लगभग सभी क्षेत्रों को अपने में समेट रहा है।
इस वक्त जब सभी क्षेत्र मंदी की मार से परेशान हैं तो फिर इन फंडों के लिए बेहतर परिणाम देना मुमकिन नही है। खासकर उन निवेशकों के लिए तो यह सबसे बुरा दौर है जिन्होंने सस्ते यूनिटों की खरीद में निवेश किया था। लिहाजा,उन निवेशकों को उनके शेयरों के एनएवी को मुनाफे के सौदे में तब्दील होने के लिए अभी इंतजार करना होगा। निवेशकों को आगे भी निवेश जारी रखना होगा और अपने औसत खर्च में कटौती करनी होगी।
एनएफओ को अच्छा रिस्पांस नहीं मिलने की वजह इस क्षेत्र में पैसों के नए निवेश बंद हैं। हालांकि निवेशकों ने अपनी परिसंपत्तियों को रीडीम नही किया है लेकिन इस क्षेत्र में सुधार लाने के लिए वो पूरे भरोसे के साथ आगे आ भी नही रहे हैं।