facebookmetapixel
Q2 Results: Tata Motors, LG, Voltas से लेकर Elkem Labs तक; Q2 में किसका क्या रहा हाल?पानी की भारी खपत वाले डाटा सेंटर तटीय पारिस्थितिकी तंत्र पर डाल सकते हैं दबावबैंकों के लिए नई चुनौती: म्युचुअल फंड्स और डिजिटल पेमेंट्स से घटती जमा, कासा पर बढ़ता दबावEditorial: निर्यातकों को राहत, निर्यात संवर्धन मिशन से मिलेगा सहारासरकार ने 14 वस्तुओं पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश वापस लिए, उद्योग को मिलेगा सस्ता कच्चा माल!DHL भारत में करेगी 1 अरब यूरो का निवेश, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग में होगा बड़ा विस्तारमोंडलीज इंडिया ने उतारा लोटस बिस्कॉफ, 10 रुपये में प्रीमियम कुकी अब भारत मेंसुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के 1 किलोमीटर के दायरे में खनन पर रोकदिल्ली और बेंगलूरु के बाद अब मुंबई में ड्रोन से होगी पैकेज डिलिवरी, स्काई एयर ने किया बड़ा करारदम घोंटती हवा में सांस लेती दिल्ली, प्रदूषण के आंकड़े WHO सीमा से 30 गुना ज्यादा; लोगों ने उठाए सवाल

नागार्जुन कंस्ट्रक्शन: मुनाफे पर मंदी

Last Updated- December 08, 2022 | 3:43 AM IST

मंदी के इस कठिन दौर में भी नागार्जुन कंस्ट्रशन कुछ और ठेके प्राप्त करने में सफल हुई है।


इस महीने की शुरुआत में 3,472 करोड़ रुपये कारोबार वाली इस कंपनी को आंध्र सरकार से हैदराबाद में और असम सरकार से 257 करोड रुपये के ठेके मिले हैं। इन परियोजनाओं को अगले दो वर्ष में पूरा किया जाना है।

कंपनी के पास पहले से ही 12,420 करोड़ रुपये के ठेके हैं। पिछले वित्त वर्ष के दौरान कंपनी की कुल बिक्री के मुकाबले यह आंकड़ा लगभग 3.6 गुणा है। हैदराबाद और असम इन ठेकों के मिल जाने से कंपनी को और ज्यादा फायदा होगा।

हालांकि सितंबर 2008 की तिमाही के दौरान अधिक बेस प्रभाव के कारण कंपनी को मिलने वाले ठेकों में 31 फीसद की गिरावट दर्ज की गई। कंपनी केलिए यह बहुत बडी बात नहीं है कि क्योंकि उसके राजस्व का एक तिहाई हिस्सा भवन निर्माण और आवासीय खंड से आता है।

इन क्षेत्रों में फिलहाल मंदी छाई है और इस तस्वीर में हाल फिलहाल बदलाव की कोई उम्मीद भी नहीं है। कंपनी की कुल बिक्री में चालू वर्ष?की पहली छमाही के दौरान 41 फीसद का इजाफा हुआ है। इसके बावजूद भवन निर्माण क्षेत्र की मंदी के कारण चालू वित्त वर्ष में कंपनी राजस्व वृद्धि दर में 33 फीसद की गिरावट दर्ज की जा सकती है और यह 4,500 से 4,600 करोड़ रुपये तक रह सकती है।

कच्चे माल के दाम बढ़ने से कंपननी का शुद्ध परिचालन लाभ भी कम हो सकता है। कंपनी इस असर को खत्म करने के लिए कुछ दूसरे तरीके आजमाने के बारे में सोच रही है।?इसके अलावा जिंसों की कीमतें भी गिर रही हैं, लेकिन इनका असर दिखना अभी बाकी है।

कंपनी ने ऊर्जा के क्षेत्र में कदम रखा है और उसमें कई नई परियोजनाएं शुरू  की हैं।?इनमें पूंजी के निवेश से उसके मार्जिन पर असर पड़ सकता है।?कंपनी के परिचालन मुनाफा मार्जिन में सितंबर 2008 की तिमाही में 220 आधार अंकों की गिरावट देखी गई और यह 10.3 फीसद केस्तर पर पहुंच गया।

कंपनी का शुध्द मुनाफा सितंबर की तिमाही में 26 फीसद की तेजी केसाथ बेहतर स्थिति में था लेकिन विश्लेषकों के अनुसार रुपये की कीमत में गिरावट आने और ब्याज की दरों में बढ़ोतरी के कारण इस साल कंपनी के मुनाफे में मात्र 13 फीसद की बढ़ोतरी होगी और यह 180-185 करोड रुपये के स्तर पर रहेगा।

अनुमान है कि कंपनी की सारी परियोजनाएं अपने निर्धारित समय पर पूरी हो जाएगी और उनमें किसी तरह का विलंब होने की संभावना अभी नजर नहीं आ रही है। फिलहाल 60 रुपये के स्तर पर कपंनी केशेयरों का कारोबार वित्त वर्ष 2009 कीअर्निंग्स के 7.5 गुणा स्तर पर हो रहा है।

First Published - November 17, 2008 | 10:53 PM IST

संबंधित पोस्ट