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मार्च में डेट फंडों को अप्रत्याशित लाभ, माह के आखिरी पांच दिनों में हुआ 31 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश

Last Updated- April 04, 2023 | 10:49 PM IST
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लंबे समय तक निवेश निकासी और कर मोर्चे पर बुरी खबरों के बाद डेट फंडों के पास वित्त वर्ष 2023 के आखिरी हफ्ते में खुशी मनाने की कुछ वजहें थीं।

वैल्यू रिसर्च के विश्लेषण से पता चलता है कि निवेशकों ने मार्च के आखिरी पांच दिनों में मध्यम से लंबी अवधि वाले डेट फंडों में 31,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया।

मांग में तेजी इसलिए दर्ज हुई क्योंकि कराधान के नए नियम लागू होने से पहले निवेशक उच्च रिटर्न हासिल करने की ओर बढ़े। 24 मार्च को सरकार ने इस ऐलान से हर किसी को चौंका दिया था कि डेट म्युचुअल फंडों पर अब लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ कर नहीं लगेगा और उसे इंडेक्सेशन का फायदा भी नहीं मिलेगा। इसके बजाय इन निवेशों पर वैयक्तिक आयकर स्लैब के आधार पर कर वसूला जाएगा।

सरकार ने हालांकि 31 मार्च, 2023 तक के निवेश पर ग्रैंडफादरिंग के फायदे मुहैया करा दिए। आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी के प्रबंध निदेशक व सीईओ ए. बालासुब्रमण्यन ने कहा, लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ का फायदा उठाने के लिए वित्त वर्ष के आखिरी दिनों में डेट म्युचुअल फंडों में निवेश में तेजी आई।

एलटीसीजी कराधान के तहत महंगाई के समायोजन (जिसे इंडेक्सेशन के फायदे के तौर पर जाना जाता है) के बाद लाभ पर 20 फीसदी कर वसूला जाता था और यह तीन साल से ज्यादा के निवेश पर लागू था।

वैल्यू रिसर्च के आंकड़े बताते हैं कि टार्गेट मैच्योरिटी फंडों को सबसे ज्यादा 13,360 करोड़ रुपये का निवेश हासिल हुआ, जिसके बाद कॉरपोरेट बॉन्ड फंड का स्थान रहा, जिसे 9,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश मिला। योजनाओं की बात करें तो आदित्य बिड़ला सन लाइफ के कॉरपोरेट बॉन्ड फंड को सबसे ज्यादा 3,100 करोड़ रुपये का निवेश हासिल हुआ। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ के ऑल सीजन बॉन्ड फंड को 1,900 करोड़ रुपये का निवेश मिला।

इस तरह के निवेश से डेट फंडों की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों में बढ़ोतरी की संभावना है, जो पिछले 18 महीन से लगातार निकासी का सामना कर रहा था। फरवरी में निवेशकों ने डेट फंडों से शुद्ध‍ रूप से 13,800 करोड़ रुपये निकाले थे। लगातार निकासी के चलते डेट योजनाओं का एयूएम पिछले साल 10 फीसदी से ज्यादा घटकर 13 लाख करोड़ रुपये रह गया था। विशेषज्ञों ने कहा कि प्रतिकूल दर बढ़ोतरी का चक्र और कॉरपोरेट के पास नकदी का अभाव इसकी वजह थी।

कर ढांचे में बदलाव की घोषणा के बाद निवेश सलाहकारों ने कहा कि उन्होंने क्लाइंटों को कर पश्चात ज्यादा रिटर्न हासिल करने के लिए डेट में निवेश की सलाह दी। फंड हाउस ने भी निवेशकों को डेट फंडों में निवेश करने को कहा ताकि ज्यादा कर बोझ को टाला जा सके।

First Published - April 4, 2023 | 10:49 PM IST

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