Kotak MF NFOs: एसेट मैनेजमेंट कंपनी कोटक महिंद्रा म्युचुअल फंड (Kotak Mahindra Mutual Fund) ने इक्विटी कैटेगरी में दो नए इंडेक्स फंड लॉन्च किए हैं। म्युचुअल फंड हाउस के एनएफओ Kotak Nifty 100 Equal Weight Index Fund और Kotak Nifty 50 Equal Weight Index Fund का सब्सक्रिप्शन 2 दिसंबर से खुल गया है। इन ओपन एंडेड स्कीम्स में निवेशक 16 दिसंबर 2024 तक इन स्कीम्स में खरीद कर सकते हैं।
म्युचुअल फंड हाउस के मुताबिक, Kotak Nifty 100 Equal Weight Index Fund में मिनिमम 100 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं। इसमें कोई एग्जिट लोड नहीं है। इस स्कीम का बेंचमार्क इंडेक्स NIFTY 100 Equal Weighted TRI है। देवेन्द्र सिंघल स्कीम के फंड मैनेजर हैं।
म्युचुअल फंड हाउस के मुताबिक, ऐसे निवेशक जो लॉन्ग टर्म कैपिटल ग्रोथ चाहते हैं, उनके लिए यह एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। इस फंड का रिटर्न निफ्टी 100 इक्वल वेट इंडेक्स की परफॉर्मेंस के अनुरूप होगा, जो ट्रैकिंग एरर के अधीन है।
ट्रैकिंग एरर उस अंतर को दर्शाता है जो फंड के रिटर्न और इंडेक्स के रिटर्न के बीच होता है। ट्रैकिंग एरर में प्रबंधन शुल्क, ट्रांजेक्शन कॉस्ट और कैशफ्लो जैसे कारण शामिल होते हैं। इसका मतलब कि फंड का मकसद इंडेक्स की परफॉर्मेंस को दोहराना होता है, लेकिन ट्रैकिंग एरर के चलते फंड का वास्तविक रिटर्न इंडेक्स से थोड़ा अलग हो सकता है। ट्रैकिंग एरर जितना कम होगा, फंड का प्रदर्शन इंडेक्स के प्रदर्शन के उतना ही करीब होगा।
म्युचुअल फंड हाउस के मुताबिक, Kotak Nifty 50 Equal Weight Index Fund में भी मिनिमम 100 रुपये और उसके बाद किसी भी अमाउंट से निवेश शुरू कर सकते हैं। इस स्कीम में कोई एग्जिट लोड नहीं है। स्कीम का बेंचमार्क इंडेक्स NIFTY 50 Equal Weight TRI है। अभिषेक बिसेन स्कीम के फंड मैनेजर हैं।
म्युचुअल फंड हाउस के मुताबिक, ऐसे निवेशक जो लॉन्ग टर्म कैपिटल ग्रोथ चाहते हैं, उनके लिए यह एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। इस फंड का रिटर्न निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स की परफॉर्मेंस के अनुरूप होगा, जो ट्रैकिंग एरर के अधीन है।
Personal CFO कंसल्टेंट्स के सीईओ सुशील जैन का कहना है, न्यू फंड ऑफर्स (NFOs) में निवेश करना उन एग्रेसिव इन्वेस्टर्स के लिए अच्छा है, जिनके पास मौजूदा पोर्टफोलियो है और अलग-अलग सेक्टर्स या फंड की कैटेगरी की जानकारी रखते हैं। नए फंड्स में संभावित लाभ और जोखिम को समझना जरूरी है, जिसे मौजूदा निवेशक समझ सकते हैं। आम तौर पर फंड हाई ग्रोथ वाले सेक्टर या थीम को टारगेट करते हैं। ये अंडर वैल्यू या हाई डिमांड में हो सकते हैं।
सुशील जैन कहते हैं, अगर आप कंजरवेटिव या मॉडरेट इन्वेस्टर हैं और आप इनमें निवेश कर सकते हैं, तो आपको ऐसे फंड के साथ जाना चाहिए, जिनके पास ऐसे सेक्टर या थीम में निवेश है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे फंड्स में तुलनात्मक रूप से कम रिस्क के साथ दमदार परफॉर्मेंस और ट्रैक रिकॉर्ड होता है।
उनका कहना है, किसी को कभी भी रिटर्न का पीछा नहीं करना चाहिए, बल्कि अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों के अनुरूप आगे बढ़ना चाहिए। साथ ही टाइम हॉरिजन और रिस्क उठाने की क्षमता के अनुसार इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी का पालन करना चाहिए।
(डिस्क्लेमर: बिजनेस स्टैंडर्ड प्राइवेट लिमिटेड में कोटक फैमिली के नियंत्रण वाली इकाइयों की बहुलांश हिस्सेदारी है।)
यहां NFOs की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।