म्युचुअल फंडों ने फैक्टर फंडों की पेशकश पैसिव से ऐक्टिव की ओर कर दी है। दो नए एनएफओ आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल ऐक्टिव मोमेंटम फंड और बंधन मल्टी-फैक्टर फंड अभी आवेदन के लिए खुले हैं। सुंदरम म्युचुअल फंड का मल्टी फैक्टर फंड एनएफओ बुधवार को बंद हुआ। इसके अतिरिक्त, कोटक एमएफ इस महीने ऐक्टिव मोमेंटम फंड उतारने जा रहा है। मिरे ऐसेट की भी फंड ऑफ फंड्स के जरिये मल्टी फैक्टर फंड शुरू करने की योजना है। ऐक्टिव फैक्टर क्षेत्र में ये पेशकश संयोग से म्युचुअल फंड उद्योग में मात्रात्मक निवेश के बढ़ते चलन के साथ देखने को मिल रही हैं। फंड हाउस हाल के वर्षों में मात्रात्मक निवेश क्षमताएं स्थापित करने पर निवेश कर रहे हैं।
फैक्टर फंड पोर्टफोलियो बनाने के लिए एक या एक से अधिक कारकों जैसे गति, गुणवत्ता, मूल्य, आकार और बाजार में अस्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने वाले निवेश मॉडल का इस्तेमाल करते हैं और ये हाल तक मूल्य और आकार आधारित फंडों को छोड़ दें तो पैसिव तक ही सीमित थे।
सैमको फंड ने 2023 में पहला ऐक्टिव प्रबंधित मोमेंटम फंड पेश किया। तब से कई फंड हाउस कई मोमेंटम, मल्टी-फैक्टर और क्वॉलिटी फंडों के साथ ऐक्टिव फैक्टर क्षेत्र में कदम रख चुके हैं। इनमें व्हाइटओक कैपिटल और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के ऐक्टिव क्वॉलिटी फंड और यूनियन, निप्पॉन इंडिया और मोतीलाल ओसवाल के ऐक्टिव मोमेंटम फंड शामिल हैं। इसके अलावा कम से कम तीन ऐसी योजनाएं हैं, जो मल्टी-फैक्टर दृष्टिकोण अपनाती हैं, जिनमें एसबीआई एमएफ का क्वांट फंड शामिल है।
ये पेशकश तब भी हो रही हैं जब पैसिव क्षेत्र में कई फैक्टर फंड मौजूद हैं। कई ऐसे इंडेक्स फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ), जो मुख्यतः निफ्टी 200 मोमेंटम 30, निफ्टी 200 क्वॉलिटी 30, निफ्टी 50 वैल्यू 20 और निफ्टी 100 लो वोलैटिलिटी 30 इंडेक्स को ट्रैक करते हैं, तीन साल से ज्यादा समय से चल रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पैसिव फंड उपलब्ध तो हैं, लेकिन ऐक्टिव विकल्प फायदेमंद हैं।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड के निवेश रणनीति प्रमुख चिंतन हरिया ने कहा, बाजार के हालात और फैक्टर प्रदर्शन चक्र स्थिर नहीं हैं। वे व्यापक आर्थिक बदलावों, सेंटिमेंट और मूल्यांकन व्यवस्थाओं के साथ विकसित होते हैं। एक ऐक्टिव दृष्टिकोण हमें कारकों यानी फैक्टर्स के बीच डायनेमिक तरीके से आवंटन करने, जोखिमों को अधिक कुशलता से प्रबंधित करने और खराब प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में जोखिम से बचकर संभावित रूप से अल्फा को पकड़ने में सक्षम बनाता है।
शेयर डॉट मार्केट के प्रमुख (इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट) नीलेश नाइक ने कहा, ऐक्टिव क्षेत्र फंड मैनेजरों को गुणवत्ता वाले शेयरों और पुनर्संतुलन पर नियंत्रण प्रदान करता है। उन्होंने कहा, हालांकि ऐक्टिव फैक्टर फंड भी स्टॉक को शॉर्टलिस्ट करने के लिए फैक्टर मॉडल पर निर्भर करते हैं, लेकिन वे निर्णय लेने में कॉरपोरेट गवर्नेंस फिल्टर या भविष्य की अपेक्षाओं जैसे अन्य तत्वों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। उनके फैक्टर मॉडल प्रकृति में ज्यादा डायनेमिक भी हो सकते हैं।
फंड प्रबंधक समय-समय पर उनकी समीक्षा करते हैं। उदाहरण के लिए, जहां पैसिव मोमेंटम फंड केवल कीमत की घट-बढ़ पर निर्भर करते हैं, वहीं हाल में पेश आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल का ऐक्टिव मोमेंटम फंड आय और प्राइस मोमेंटम यानी दोनों का उपयोग करता है।
रेग्युलर इक्विटी योजनाओं में फैक्टर और मात्रात्मक रणनीतियों का इस्तेमाल बढ़ रहा है। ऐडलवाइस म्युचुअल फंड अपने चार सक्रिय फंडों के इक्विटी हिस्से का प्रबंधन इसी रणनीति के माध्यम से करता है। एनजे म्युचुअल फंड शुरुआत से ही अपने सभी इक्विटी और हाइब्रिड फंडों का प्रबंधन कारक आधारित रणनीतियों के माध्यम से करता आ रहा है। श्रीराम म्युचुअल फंड ने सितंबर 2023 में मात्रात्मक दृष्टिकोण अपनाया।