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NFO Alert: ₹99 की SIP से Mirae Asset MF के इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में निवेश का मौका, जानें इसकी खासियत

NFO Alert: इस स्कीम का न्यू फंड ऑफर (NFO) 17 नवंबर 2025 से सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और 1 दिसंबर 2025 को बंद होगा

Last Updated- November 13, 2025 | 3:57 PM IST
Mirae Asset Infrastructure Fund

NFO Alert: मिरे असेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) ने गुरुवार को मिरे असेट इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (Mirae Asset Infrastructure Fund) लॉन्च करने की घोषणा की है। यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है, जो इंफ्रास्ट्रक्चर थीम पर चलेगी। इस स्कीम का उद्देश्य मुख्य रूप से उन कंपनियों में निवेश करना है जो भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का हिस्सा हैं — जिनमें कंस्ट्रक्शन कंपनियां, लॉजिस्टिक्स, बिजली, टेलीकॉम, बिल्डिंग मटेरियल प्रोवाइडर्स, डाटा सेंटर, हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग इंस्टीट्यूशन आदि शामिल हैं।

Mirae Asset Infrastructure Fund की डिटेल

फंड का नाम – मिरे असेट इंफ्रास्ट्रक्चर फंड

फंड टाइप – ओपन-एंडेड इक्विटी सेक्‍टोरल इंफ्रास्ट्रक्चर

NFO ओपन डेट – 17 नवंबर, 2025

NFO क्लोजिंग डेट – 1 दिसंबर, 2025

मिनिमम लंपसम निवेश – ₹5,000 और उसके बाद ₹1 के मल्टीपल में

मिनिमम SIP निवेश – ₹99 और उसके बाद ₹1 के मल्टीपल में

लॉक-इन पीरियड- कुछ नहीं

एग्जिट लोड –  365 दिनों के भीतर 15% से ज्यादा यूनिट्स के रिडेम्पशन पर 1% का शुल्क लगाया जाएगा

बेंचमार्क – बीएसई इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर टीआरआई (BSE India Infrastructure TRI)

रिस्क लेवल – बहुत ज्यादा जोखिम (Very High Risk)

फंड मैनेजर – भारती सावंत

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क्या है इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी?

स्कीम इन्फॉर्मेशन डॉक्यूमेंट (SID) के अनुसार, निवेश का मकसद हासिल करने के लिए यह फंड एक्टिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी पर चलेगा। यह स्कीम मुख्य रूप से उन कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करेगी जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के विकास और विस्तार से जुड़ी हैं या उससे लाभान्वित होने की संभावना रखती हैं।

फंड मैनेजर एक मजबूत और डायवर्स पोर्टफोलियो तैयार करेंगे ताकि कंसंट्रेशन रिस्क (एक ही क्षेत्र में अधिक निवेश का जोखिम) और लिक्विडिटी रिस्क (तरलता जोखिम) से बचा जा सके। निवेश से पहले, फंड मैनेजर किसी विशेष स्टॉक में ट्रेडिंग वॉल्यूम (लेनदेन की मात्रा) की निगरानी करेंगे ताकि लिक्विडिटी रिस्क को कम किया जा सके।

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फंड कहां करेगा निवेश?

इस योजना के तहत कम से कम 80% नेट एसेट्स उन कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश की जाएंगी जो भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के विकास और विस्तार से जुड़ी हैं या उससे लाभान्वित होने की संभावना रखती हैं।

फंड मैनेजर स्कीम की नेट एसेट्स का अधिकतम 20% हिस्सा उन भारतीय कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में भी निवेश कर सकते हैं जो इंफ्रास्ट्रक्चर थीम से बाहर हैं।

साथ ही, योजना में अधिकतम 10% नेट एसेट्स को रीट्स (REITs) और इनविट्स (InvITs) की यूनिट्स में निवेश करने का प्रावधान है, जबकि शेष राशि को डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जाएगा।

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इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश क्यों करें?

भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का विस्तार अब लंबे समय तक चलने वाले विकास चक्र (सुपर-साइकिल) में प्रवेश कर चुका है। इसका पहला चरण (FY21 से FY26) मुख्य रूप से सरकारी खर्च से आगे बढ़ा है। सरकार का पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) FY21 के 4.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर FY26 में 11.2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। पीएम गतिशक्ति, भारतमाला, सागरमाला, स्मार्ट सिटीज, एनआईपी (NIP) और एनएलएमपी (NLMP) जैसी योजनाओं ने लॉजिस्टिक्स, ऊर्जा और डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए मजबूत नींव रखी है। अब इस विकास का अगला चरण निजी क्षेत्र के निवेश (प्राइवेट कैपेक्स) से आगे बढ़ेगा।

मिरे एसेट की फंड मैनेजर भारती सावंत ने कहा, “आने वाला दशक मजबूत प्राइवेट कैपेक्स और लगातार बढ़ते सरकारी निवेश से प्रेरित होगा। इसे प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना, आयात प्रतिस्थापन उपायों और घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स व डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने वाली नीतियों से बल मिलेगा। यह तेजी पूरी वैल्यू चेन में फैलती नजर आएगी — कंस्ट्रक्शन मटेरियल्स और उपकरण निर्माण से लेकर इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) सेवाओं तथा लॉजिस्टिक्स तक। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र एक लॉन्ग टर्म स्ट्रक्चरल ग्रोथ थीम के रूप में और अधिक मजबूत बन जाएगा।”

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किसे करना चाहिए निवेश?

फंड हाउस के मुताबिक, यह स्कीम उन निवेशकों के लिए बेहतर साबित हो सकती है जो लंबी अवधि के निवेश के माध्यम से अपने धन में इजाफा करना चाहते हैं। रिस्कोमीटर पर इस स्कीम को बहुत ज्यादा जोखिम (very high risk) की कैटेगरी में रखा गया है।


(डिस्क्लेमर: यहां NFO की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

First Published - November 13, 2025 | 3:46 PM IST

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