facebookmetapixel
Q3 में तेजी से सुधरा वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक सेक्टर, मांग 64% बढ़ी; मुंबई और कोलकाता का प्रदर्शन शानदारIncome Tax: रिवाइज्ड IT रिटर्न क्या है, जिसे आप कैलेंडर ईयर के अंत तक फाइल कर सकते हैंIndia International Trade Fair 2025: साझीदार राज्य बना यूपी, 343 ओडीओपी स्टॉल्स और 2750 प्रदर्शकों के साथ बड़ा प्रदर्शनबुलेट बनाने वाली कंपनी का मुनाफा 25% बढ़कर ₹1,369 करोड़, रेवेन्यू में 45% की उछालPhonePe ने OpenAI के साथ मिलाया हाथ, अब ऐप में मिलेगी ChatGPT जैसी खास सुविधाएंNFO Alert: ₹99 की SIP से Mirae Asset MF के इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में निवेश का मौका, जानें इसकी खासियतDigital Life Certificate: ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र जमा करते समय साइबर धोखाधड़ी से कैसे बचें?सरकार का बड़ा प्लान! क्या मुंबई 2029 तक जाम और भीड़ से मुक्त हो पाएगीसस्ते स्टील पर बड़ा प्रहार! भारत ने वियतनाम पर 5 साल का अतिरिक्त टैक्स लगाया45% तक मिल सकता है रिटर्न! शानदार नतीजों के बाद Vodafone Idea, Bharti Airtel में तगड़ी तेजी का सिग्नल

सरकार का बड़ा प्लान! क्या मुंबई 2029 तक जाम और भीड़ से मुक्त हो पाएगी

दो लाख करोड़ की मेट्रो और सड़क परियोजनाएं मुंबई के ट्रांसपोर्ट को बदलने का वादा करती हैं लेकिन भीड़, जाम और सुरक्षा की चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं

Last Updated- November 13, 2025 | 3:24 PM IST
Mumbai Transport

मुंबई में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बड़ी परियोजनाएं चल रही हैं जिनमें मेट्रो लाइनें, रिंग रोड और कई कनेक्टिविटी सुधार शामिल हैं। लक्ष्य है कि 2029 तक ज्यादातर मेट्रो मार्ग शुरू हो जाएं और शहर में यात्रा तेज और आसान हो सके। इन परियोजनाओं से मुंबई महानगर क्षेत्र में बढ़ती यात्रा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। लेकिन बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या इतनी बड़ी योजनाओं के बावजूद मुंबई सच में भीड़ और जाम की समस्या से मुक्त हो पाएगी या नहीं।

क्या लोकल ट्रेनें बढ़ती भीड़ को संभाल पाएंगी

मुंबई की लोकल ट्रेनें रोज लाखों लोगों की जीवन रेखा हैं। लगभग 70 लाख यात्री रोज इन्हीं ट्रेनों पर निर्भर रहते हैं। क्षमता बढ़ाने के लिए कई काम चल रहे हैं लेकिन भीड़ कम नहीं हो रही। संसद में बताया गया कि भीड़ के समय डिब्बे में चढ़ना और उतरना बेहद कठिन होता है। वर्ष 2023 में 2590 लोगों की जान स्थानीय हादसों में गई। यह अपने आप में बहुत बड़ा आंकड़ा है।

BEST बसों की हालत कमजोर क्यों होती जा रही है

BEST बसें कई दशकों से मुंबई के सफर की अहम कड़ी रही हैं मगर अब बसों की संख्या कम होती जा रही है। कुल बसों में से बहुत कम बसें BEST की अपनी हैं। बाकी बसें किराये पर चलाई जा रही हैं। बसें कम होने के कारण यात्रियों का इंतजार बढ़ गया है और कई लोग मजबूर होकर टैक्सी या साझा गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। आर्थिक रूप से भी BEST पर भारी खर्च और लगातार घाटा बढ़ रहा है।

Also Read: 2025 में 7% की रफ्तार से बढ़ेगी भारत की GDP, मूडीज ने जताया अनुमान

मुंबई में अभी चार मेट्रो लाइनें चल रही हैं और लोग इनसे तेज सफर कर पा रहे हैं। दादर से एयरपोर्ट की दूरी मेट्रो से 20 मिनट में पूरी हो जाती है जबकि सड़क से पीक समय में यह यात्रा एक घंटे से भी अधिक ले सकती है। लेकिन बारिश के समय लीकेज और स्टेशनों में पानी भरने जैसी समस्याएं बनी रहती हैं। इसके बावजूद मेट्रो नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा है और अगले कुछ सालों में यह 360 किलोमीटर तक फैलने की उम्मीद है।

मोनोरेल को शहर के ट्रांसपोर्ट का सहायक साधन बनाने की योजना थी लेकिन यह लगातार तकनीकी समस्याओं से जूझ रही है। अगस्त में पावर की समस्या के कारण दो ट्रेनें बीच में रुक गईं और करीब 800 यात्री फंस गए। तब से सेवा बंद है और अभी मरम्मत का काम चल रहा है।

निजी गाड़ियां इतनी तेजी से क्यों बढ़ रही हैं

मुंबई और आसपास के इलाकों में निजी गाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके कारण ट्रैफिक बहुत बढ़ गया है जबकि सड़क का विस्तार बहुत धीमा है। वाहन बढ़ने और सड़कें न बढ़ने से शहर में जाम आम बात होती जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्राइवेट और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के बीच संतुलन जरूरी है।

मुंबई में ट्रांसपोर्ट कई एजेंसियों द्वारा चलाया जाता है जैसे रेलवे, BEST, मेट्रो और MMRDA। लेकिन इनके बीच तालमेल कम है जिसके कारण रूट ओवरलैप होते हैं और यात्रियों को कई बार एक साधन से दूसरे साधन पर जाना मुश्किल होता है। निजी सेवाएं जैसे Cityflo और Chalo इन कमियों को भरने की कोशिश कर रही हैं पर यह भी दिखाता है कि सिस्टम में सुधार की बहुत जरूरत है।

मुंबई को सुरक्षित शहर माना जाता है लेकिन सार्वजनिक परिवहन के आसपास महिलाओं की सुरक्षा चिंता का विषय बनी हुई है। अंधेरी जगहों, सुनसान क्षेत्रों और रात में यात्रा के दौरान परेशानियां सामने आती रहती हैं। पिछले वर्ष पश्चिम रेलवे ने कई छेड़छाड़ और कुछ गंभीर मामलों में लोगों को गिरफ्तार किया। सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है लेकिन समस्याएं बनी हुई हैं।

मुंबई के ट्रांसपोर्ट को सबसे ज्यादा क्या जरूरत है

मुंबई का ट्रांसपोर्ट सिस्टम शहर की असली ताकत है लेकिन भीड़, जाम, कमजोर योजना और बढ़ते वाहन इसे मुश्किल में डाल रहे हैं। नई मेट्रो लाइनें, तटीय सड़कें और तकनीक आधारित योजनाएं उम्मीद जरूर देती हैं लेकिन असली सुधार तभी होगा जब सारी सेवाएं एक साथ मिलकर काम करें और लोगों को आखिरी मील तक बेहतर कनेक्टिविटी मिले। वरना आने वाले सालों में यात्रियों को भीड़ और जाम की समस्याओं का सामना करते रहना पड़ सकता है।

First Published - November 13, 2025 | 3:20 PM IST

संबंधित पोस्ट