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Digital Life Certificate: ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र जमा करते समय साइबर धोखाधड़ी से कैसे बचें?

एक्सपर्ट्स ने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की प्रक्रिया में पेंशनभोगियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है ताकि साइबर ठगी से बचाव सुनिश्चित किया जा सके

Last Updated- November 13, 2025 | 3:34 PM IST
cyber fraud
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

नवंबर का महीना लाखों पेंशनभोगियों के लिए खास होता है। हर साल इस दौरान केंद्र सरकार के रिटायर्ड कर्मचारी अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करते हैं ताकि पेंशन की किस्तें समय पर मिलती रहें। लेकिन इस साल डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र की सुविधा ने साइबर ठगों को भी मौका दे दिया है। पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर डिपार्टमेंट ने 1 नवंबर से 30 नवंबर तक चल रही DLC कैंपेन 4.0 के तहत लाखों बुजुर्गों को चेतावनी दी है। डिपार्टमेंट ने चेतावनी दी है कि ठग फोन पर बैंक अधिकारी बनकर या फर्जी ऐप्स के जरिए निजी जानकारी चुरा रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि 2025 के पहले पांच महीनों में ही देशभर में साइबर फ्रॉड से 7,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। हर महीने औसतन 1,000 करोड़ का चूना लग रहा है। ऐसे में पेंशनभोगी खुद को कैसे बचाएं, ये जानना जरूरी हो गया है।

डिपार्टमेंट ने इसके लिए साफ-साफ गाइडलाइंस जारी की हैं। पेंशनरभोगी सबसे पहले तो सिर्फ आधिकारिक वेबसाइट jeevanpramaan.gov.in पर जाएं। कोई भी लिंक पर क्लिक न करें जो ईमेल या मैसेज से आए। ठग अक्सर ‘आपकी पेंशन रुक गई है’ जैसे झूठे मैसेज भेजते हैं। अगर 80 साल से ज्यादा उम्र के सुपर सीनियर सिटीजन हैं, तो उनके लिए अक्टूबर से ही प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

NRI पेंशनभोगी भी भारतीय दूतावास या अधिकृत एजेंट के जरिए ये काम कर सकते हैं। लेकिन समस्या ये है कि साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में साइबर सुरक्षा की घटनाएं साल 2022 में 10.29 लाख से बढ़कर वर्ष 2024 तक 22.68 लाख के पार कर गई। ठग अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर आवाज बदलकर फोन करते हैं। एक केस में तो दिल्ली के 73 साल के रिटायर्ड बैंकर को मुंबई पुलिस बनकर 23 करोड़ का चूना लगाया गया। 

डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र: सुरक्षित तरीके से जमा करें

जीवन प्रमाण पत्र जमा करना अब घर बैठे आसान है, लेकिन गलत कदम उठाया तो मुश्किल हो जाती है। सबसे पहले आधार नंबर और पेंशन पेमेंट ऑर्डर तैयार रखें। अगर पहले साल DLC जमा किया है, तो डिटेल्स ऑटो-पॉपुलेट हो जाती हैं। वेबसाइट पर लॉगिन करने के बाद बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन चुनें। फेस रिकग्निशन या फिंगरप्रिंट से ये काम हो जाता है। लेकिन याद रखें, मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड होना चाहिए। OTP वेरिफिकेशन के बिना आगे न बढ़ें। डिपार्टमेंट की सलाह है कि पब्लिक वाई-फाई या शेयर्ड कंप्यूटर पर ये न करें। अगर वीडियो कॉल के जरिए जमा कर रहे हैं, तो सिर्फ अधिकृत प्लेटफॉर्म यूज करें।

साइबर ठगों के नए हथकंडे: कैसे पहचानें और बचें

ठगों के तरीके चालाक हो गए हैं। वे व्हाट्सऐप पर फर्जी जॉब ऑफर भेजते हैं या गेमिंग ऐप्स से लालच देते हैं। 2025 के पहले तीन महीनों में व्हाट्सऐप से जुड़े 43,797 फ्रॉड केस सामने आए। टेलीग्राम पर 22,680 और इंस्टाग्राम पर 19,800। ये ऐप्स ठगों का पसंदीदा हथियार बन चुके हैं। पेंशनभोगियों को अक्सर ‘आपका जीवन प्रमाण अपडेट हो गया’ या ‘पेंशन डबल हो जाएगी’ जैसे मैसेज आते हैं। क्लिक करने पर वायरस घुस जाता है, जो बैंक डिटेल्स चुरा लेता है।

Also Read: भारत में तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराध, ‘जीरो-ट्रस्ट मॉडल’ बनेगा BFSI सेक्टर की ढाल

ठगों का नया तरीका: डिजिटल अरेस्ट

साइबर ठग अब ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसे तरीके अपना रहे हैं, जहां फर्जी पुलिस वाले वीडियो कॉल पर डराते हैं कि आप क्राइम में फंस गए हैं। पैसे ट्रांसफर करो वरना जेल। पश्चिम बंगाल के एक कोर्ट ने ऐसे नौ ठगों को उम्रकैद की सजा सुनाई, जिन्होंने 100 करोड़ का फ्रॉड किया। पेंशनभोगियों को ये स्कीम ज्यादा निशाना बनाती है क्योंकि वो टेक्नोलॉजी से कम वाकिफ होते हैं। इसलिए, हमेशा दोबारा चेक करें। अगर कोई बैंक कॉल करे, तो खुद बैंक ब्रांच जाकर कन्फर्म करें।

कैसे इससे बचें?

बचाव के लिए साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर तुरंत रिपोर्ट करें। साथ ही अपना पासवर्ड स्ट्रॉन्ग रखें, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन करें। अगर कोई अनजान नंबर से कॉल आए, तो बात न करें। NRI पेंशनभोगियों के लिए खास नियम हैं- दूतावास से साइन किया सर्टिफिकेट वैलिड है। ऑफलाइन तरीका चुनें तो CSC सेंटर या बैंक जाएं। SMS से लोकेट सेंटर: ‘JPL <स्पेस> PIN और 7738299899 पर भेजें।

साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाने की मुहिम

सरकार अब सक्रिय हो रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ महीनों पहले ऑनलाइन ‘सस्पेक्ट रजिस्ट्री’ लॉन्च की, जिसमें 14 लाख साइबरक्रिमिनल्स की डिटेल्स हैं। ये डेटाबेस पुलिस को मदद देगा। रिजर्व बैंक ने बैंकों को फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर इंटीग्रेट करने का आदेश दिया। टेलीकॉम डिपार्टमेंट भी OTP ऐप्स पर सख्ती बरत रहा है। 

एक्सपर्ट्स की पेंशनभोगियों को सलाह है कि फैमिली मेंबर्स की मदद लें। मोबाइल ऐप पर फेस ऑथेंटिकेशन यूज करें। अगर फ्रॉड हो जाए, तो 24 घंटे में बैंक को बताएं। ऐसे ही सावधानी से नवंबर का ये काम पूरा करें, ताकि पेंशन की चिंता न रहे।

First Published - November 13, 2025 | 3:33 PM IST

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