Top-5 mutual fund houses: म्युचुअल फंड उद्योग ने 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) में 19.39 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की है। यह दिसंबर 2023 में 49.23 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर दिसंबर 2024 में 68.62 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह वृद्धि लगभग 40% की है, जो उद्योग के मजबूत प्रदर्शन और निवेशकों के भरोसे को दर्शाती है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के AUM डेटा के विश्लेषण से पता चलता है कि SBI म्युचुअल फंड, ICICI प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड और HDFC म्युचुअल फंड ने पिछले एक साल में अपने AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) में सबसे अधिक वृद्धि हासिल की है।
बीते एक साल में एसबीआई म्युचुअल फंड ने AUM में 2.63 लाख करोड़ रुपये की सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की है। फंड हाउस का AUM दिसंबर 2023 में 8.51 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर दिसंबर 2024 में 11.14 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड ने AUM ग्रोथ के मामले में दूसरा स्थान हासिल किया है। बीते एक साल में फंड हाउस का AUM 2.59 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है। फंड हाउस का AUM दिसंबर 2023 में 6.15 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर दिसंबर 2024 में 8.74 लाख करोड़ रुपये हो गया।
एचडीएफसी म्युचुअल फंड टॉप तीन में शामिल है, जिसने एक साल में 2.36 लाख करोड़ रुपये की AUM वृद्धि दर्ज की है। फंड हाउस का AUM दिसंबर 2023 में 5.52 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर दिसंबर 2024 में 7.87 लाख करोड़ रुपये हो गया।
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निप्पॉन इंडिया म्युचुअल फंड चौथे और कोटक म्युचुअल फंड पांचवें स्थान पर हैं, जिन्होंने क्रमशः 1.92 लाख करोड़ रुपये और 1.38 लाख करोड़ रुपये की AUM ग्रोथ दर्ज की है। निप्पॉन इंडिया म्युचुअल फंड का AUM दिसंबर 2023 में 3.78 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर दिसंबर 2024 में 5.70 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि कोटक म्युचुअल फंड का AUM दिसंबर 2023 में 3.51 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर दिसंबर 2024 में 4.89 लाख करोड़ रुपये हो गया।
वे फंड हाउस जिन्होंने एक साल में अपनी AUM में 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी की है, उनमें यूटीआई म्युचुअल फंड, आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्युचुअल फंड, एक्सिस म्युचुअल फंड, डीएसपी म्युचुअल फंड और टाटा म्युचुअल फंड शामिल हैं।
बजाज फिनसर्व एएमसी के सीईओ गणेश मोहन का कहना है कि फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स को लेकर बढ़ते रुझान के चलते शेयर बाजारों और म्युचुअल फंड में भागीदारी में बढ़ी है। जोरदार एयूएम ग्रोथ के चलते यह देखने को मिला है। उन्होंने कहा, यह बदलाव भारतीय अर्थव्यवस्था के विस्तार और रिटेल निवेशकों के बीच बढ़ती वित्तीय जागरूकता के चलते आया है। निवेशक कम लागत और अधिक सुविधा के साथ हाई ‘रिटर्न’ की तलाश में हैं।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के डायरेक्टर और हेड-रिसर्च कौस्तुभ बेलापुरकर का मानना है कि 2025 में म्युचुअल फंड इंडस्ट्री की ग्रोथ का सिलसिला जारी रहेगा। रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी और इक्विटी फंड में मजबूत इनफ्लो, खासकर एसआईपी (SIP) के जरिए, इंडस्ट्री को और मजबूती देगा।