facebookmetapixel
अमेरिका ने रोका Rosneft और Lukoil, लेकिन भारत को रूस का तेल मिलना जारी!IFSCA ने फंड प्रबंधकों को गिफ्ट सिटी से यूनिट जारी करने की अनुमति देने का रखा प्रस्तावUS टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%बैंकिंग सिस्टम में नकदी की तंगी, आरबीआई ने भरी 30,750 करोड़ की कमी1 नवंबर से जीएसटी पंजीकरण होगा आसान, तीन दिन में मिलेगी मंजूरीICAI जल्द जारी करेगा नेटवर्किंग दिशानिर्देश, एमडीपी पहल में नेतृत्व का वादाJio Platforms का मूल्यांकन 148 अरब डॉलर तक, शेयर बाजार में होगी सूचीबद्धताIKEA India पुणे में फैलाएगी पंख, 38 लाख रुपये मासिक किराये पर स्टोरनॉर्टन ब्रांड में दिख रही अपार संभावनाएं: टीवीएस के नए MD सुदर्शन वेणुITC Hotels ने लॉन्च किया प्रीमियम ब्रांड ‘एपिक कलेक्शन’, पुरी से मिलेगी नई शुरुआत

बाजार में भारी उठापटक के बावजूद शेयरों में म्युचुअल फंड निवेश 1.5 लाख करोड़ रुपये के पार

Last Updated- March 06, 2023 | 11:47 PM IST
Be careful before investing in Mutual Fund, tax rules have changed
Illustration: Binay Sinha

चालू वित्त वर्ष के दौरान शेयर बाजार में तमाम उठापटक और बाधाओं के बावजूद शेयर बाजार पर देसी म्युचुअल फंडों का भरोसा बना हुआ है। वित्त वर्ष 2023 में म्युचुअल फंडों ने शेयरों में 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा शुद्ध निवेश किया है। यह लगातार दूसरा साल है, जब इतना अधिक निवेश हुआ है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 में 1 मार्च तक म्युचुअल फंडों ने शेयरों में 1.53 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है, जबकि वित्त वर्ष 2022 में 1.72 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। वित्त वर्ष 2015 से अभी तक केवल वित्त वर्ष 2021 को छोड़कर (2021 में 1.21 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की गई थी) म्युचुअल फंड शेयरों के शुद्ध लिवाल रहे। आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2015 से वित्त वर्ष 2023 तक पिछले 9 वित्त वर्ष में म्युचुअल फंडों ने देसी शेयर बाजार में 6.90 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।

मिरे ऐसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) के मुख्य कार्या​धिकारी (CEO) और निदेशक स्वरूप मोहंती मानते हैं कि भारत में मजबूत आ​र्थिक वृद्धि देखकर म्युचुअल फंडों का शेयर बाजार में भरोसा बढ़ा है और उनके निवेश में तेजी आई है। मोहंती ने कहा, ‘मजबूत आर्थिक पैमानों के अलावा शेयरों में लगातार निवेश बढ़ने के पीछे खुदरा निवेशकों के व्यवहार में बदलाव भी अहम है, जो पिछले कई वर्षों से सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये म्युचुअल फंडों में लगातार निवेश कर रहे हैं। इसने देसी शेयर बाजार का ढांचा बदल दिया है। इससे हर बार गिरावट के दौरान बाजार को म्युचुअल फंडों के निवेश से थोड़ी राहत मिलती है।’

दूसरी ओर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने चालू वित्त वर्ष में जमकर बिकवाली की है और शेयर बाजार से अभी तक 36,538 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं। एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2022 में उन्होंने 1.42 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी।

तुलनात्मक आधार पर देखें तो बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद पिछले दो वित्त वर्ष (मार्च 2021 से) में म्युचुअल फंडों ने देसी शेयर बाजार में 3.25 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है, जबकि विदेशी निवेशकों ने इस दौरान 1.78 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं। इसकी वजह से चालू वित्त वर्ष में बीएसई सेंसेक्स 2.12 फीसदी बढ़ा है, जबकि बीएसई मिडकैप में 2 फीसदी की तेजी आई है। स्मॉलकैप सूचकांक 2.3 फीसदी गिरा है।

ऐसे में सवाल उठता है कि वित्त वर्ष 2024 में शेयर बाजार का रुख कैसा रहेगा। क्या बाजार में म्युचुअल फंडों का निवेश बरकरार रहेगा? विदेशी निवेश की क्या ​स्थिति रहेगी?

मोहंती मानते हैं कि वित्त वर्ष 2024 थोड़ा अलग रह सकता है। अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार थोड़ी नरम पड़ सकती है, जिसका असर शेयर बाजार में निवेश पर भी दिख सकता है।

उन्होंने कहा, ‘पिछले दो साल में शेयर बाजार में निवेश शुरू करने वाले निवेशकों को लाभ नहीं हुआ है। आंकड़ों से पता चलता है कि वै​श्विक अर्थव्यवस्था भी ज्यादा मजबूत नहीं है। निवेशक इसे ध्यान में रखते हुए शेयर बाजार में निवेश कम कर सकते हैं।’

बीएनपी पारिबा में भारत में इ​क्विटी शोध प्रमुख कुणाल वोरा ने कहा, ‘घरेलू बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की हिस्सेदारी दशक में सबसे कम है। चीन के बाजार खुलने और भारत में शेयरों का मूल्यांकन ज्यादा होने से विदेशी निवेशक 2023 में भी बिकवाली जारी रख सकते हैं।’

First Published - March 6, 2023 | 11:47 PM IST

संबंधित पोस्ट