म्युचुअल फंड (एमएफ) उद्योग ने 2023 में अपनी कुल परिसंपत्ति में रिकॉर्ड 10 लाख करोड़ रुपये जोड़े। इसकी वजह से म्युचुअल फंड के पास मौजूद कुल संपत्ति (AUM) दिसंबर में पहली बार 50 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गईं।
म्युचुअल फंड के एयूएम में 20 फीसदी इजाफा शेयर बाजार में तेजी की वजह से आया। साथ ही 2023 में सक्रिय इक्विटी योजनाओं में 1.62 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध आवक भी हुई, जितनी अभी तक किसी भी कैलेंडर वर्ष में नहीं हुई थी।
म्युचुअल फंड उद्योग के संगठन एम्फी के आंकड़ों का विश्लेषण करने से पता चलता है कि एयूएम को 30 लाख करोड़ रुपये से 40 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने में 24 महीने लग गए थे। लेकिन अगले 10 लाख करोड़ रुपये केवल 13 महीने में जुड़ गए।
एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) वेंकट चलसानी ने कहा, ‘म्युचुअल फंड उद्योग की एयूएम को शून्य से 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने में पूरे 50 साल लग गए थे मगर यह 40 लाख करोड़ रुपये से 50 लाख करोड़ रुपये (10 लाख करोड़ रुपये का इजाफा) तक साल भर से कुछ ज्यादा अरसे में ही हो गया।’
2023 में एमयूएम में रिकॉर्ड इजाफे के पीछे शेयर बाजार की ऊंची उछाल का हाथ रहा है। पिछले साल सेंसेक्स में 18.7 फीसदी और निफ्टी में 20 फीसदी तेजी दर्ज की गई। इस दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में दोगुना इजाफा हुआ, जिससे इनमें निवेश करने वाले एमएफ में निवेशकों का रुझान बढ़ा है।
नुवामा अल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च में प्रमुख अभिलाष पागरिया ने कहा, ‘वर्ष 2023 में सबसे ज्यादा इक्विटी निवेश जुटाने वाली शीर्ष 5 श्रेणियों के हिस्से 1.62 लाख करोड़ रुपये के कुल निवेश में से तकरीबन 85 फीसदी आया है। इनमें स्मॉलकैप (25 फीसदी), थीम आधारित श्रेणी (19 फीसदी), मिडकैप (14 फीसदी), मल्टीकैप (12 फीसदी) और लार्ज तथा मिडकैप (12 फीसदी) प्रमुख हैं। इसके उलट लार्ज कैप से 3,000 करोड़ रुपये और फोकस्ड स्कीम से 2,700 करोड़ रुपये बाहर गए हैं।’
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अप्रैल में डेट फंडों पर कर नहीं बढ़ाया जाता तो एयूएम में और भी इजाफा हो जाता। 2023 की शुरुआत में ज्यादा यील्ड के कारण डेट फंडों में ज्यादा निवेश आने की उम्मीद थी।
2019 में उद्योग ने तय किया था कि दशक के अंत तक एयूएम 100 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचानी है। पिछले चार साल में एयूएम सालाना 16 फीसदी चक्रवृद्धि दर से बढ़ा है। अगले 5 साल भी वृद्धि इसी रफ्तार से हुई तो 100 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच जाएगी।
एम्फी के चेयरमैन और एचडीएफसी ऐसेट मैनेजमेंट के प्रबंध निदेशक (MD) एवं मुख्य कार्याधिकारी (CEO) नवनीत मुनोट ने कहा, ‘म्युचुअल फंड उद्योग 100 लाख करोड़ रुपये एयूएम और 10 करोड़ निवेशकों का अगला कीर्तिमान हासिल करने को तैयार है। हमें भरोसा है कि यह लक्ष्य जल्द ही हासिल कर लिया जाएगा क्योंकि उद्योग अपनी मूल्य श्रृंखला में तकनीक का लाभ उठाते हुए वितरण का दायरा बढ़ाने में लगा है।’
इस दौरान सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) से जुड़ी एयूएम भी बीते 6 साल में 39 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। एसआईपी की एयूएम बीते ढाई साल में दोगुनी हुई है और मासिक निवेश में तेजी बनी हुई है। जनवरी 2017 में एसआईपी निवेश 4,100 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 17,600 करोड़ रुपये हो गया है। एसआईपी में निवेश 2021 से लगातार बढ़ रहा है।
निवेश के लिहाज से इक्टिव इक्विटी योजनाओं के लिए जनवरी-मार्च 2022 के बाद दिसंबर तिमाही सबसे अच्छी रही और इस दौरान 52,490 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया था।
दिसंबर में इक्विटी योजनाओं में शुद्ध निवेश नवंबर के मुकाबले 9 फीसदी बढ़कर 17,000 करोड़ रुपये रहा।
सबसे ज्यादा निवेश क्षेत्रीय श्रेणियों की योजनाओं में हुआ है। इन योजनाओं में 6,005 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ, जिनमें से 4,260 करोड़ रुपये इस श्रेणी की नई योजनाओं में लगाए गए। स्मॉलकैप फंडों में एक बार फिर सबसे ज्यादा 3,850 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। मगर लार्ज कैप, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) और फोकस्ड फंडों से निवेश की निकासी हुई है।