जुलाई में नई फंड पेशकशों (एनएफओ) के जरिये म्युचुअल फंडों ने रिकॉर्ड पूंजी आकर्षित की। जियो ब्लैकरॉक के नए फंडों का इसमें बड़ा योगदान रहा। फंडों की करीब 30 योजनाओं ने 30,416 करोड़ रुपये के कुल संग्रह के साथ पिछले महीने अपने एनएफओ पूरे किए।
डेट एनएफओ का सबसे बड़ा योगदान रहा। इस श्रेणी में 5 योजनाओं ने करीब 19,000 करोड़ रुपये जुटाए। इनमें जियो ब्लैकरॉक एमएफ के तीन नए फंडों – ओवरनाइट, लिक्विड और मनी मार्केट में 17,800 करोड़ रुपये का निवेश आया।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया में वरिष्ठ विश्लेषक (शोध प्रबंधक) नेहल मेश्राम ने कहा, ‘लिक्विड और मनी मार्केट सेगमेंटों में पूंजी निवेश को नई फंड पेशकशों – जियो ब्लैकरॉक लिक्विड फंड (8,917 करोड़ रुपये) और जियोब्लैकरॉक मनी मार्केट फंड (6,285 करोड़ रुपये) से मदद मिली, जिन्होंने बड़ा निवेश आकर्षित किया और जुलाई के दमदार पूंजी प्रवाह में बड़ा योगदान दिया।’
जुलाई में एनएफओ संग्रह अगस्त 2021 के 22,769 करोड़ रुपये के पिछले ऊंचे स्तर को पार कर गया। पिछले महीने एनएफओ में तेजी नई पेशकशों में 6 महीने की सुस्ती के बाद दर्ज की गई। 2025 के पहले 6 महीनों में औसत मासिक एनएफओ संग्रह केवल 3,200 करोड़ रुपये था। विशेषज्ञों के अनुसार इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव और लोकप्रिय इक्विटी श्रेणियों में पेशकश की कमी कम रकम आने का कारण थी।
आने वाले महीनों के लिए भी एनएफओ की आवक मजबूत रह सकती है। फंड हाउसों ने जुलाई से लगभग 50 एनएफओ के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास दस्तावेज दाखिल कर रखे हैं। इनमें 10 ऐक्टिव इक्विटी और हाइब्रिड फंड शामिल हैं, जो लॉन्च अवधि के दौरान अधिक निवेशक दिलचस्पी आकर्षित करते हैं। फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) सेगमेंट में भी लॉन्च की योजना है, जो विभिन्न योजनाओं में निवेश करते हैं। फंड उद्योग 2024 में कराधान में बदलाव के बाद इस क्षेत्र में बढ़ती दिलचस्पी का लाभ उठा रहा है।
एनएफओ गतिविधि और संग्रह में तेजी ने जुलाई में फंड योजनाओं में शुद्ध निवेश को बढ़ावा दिया। इक्विटी म्युचुअल फंडों में निवेश बढ़कर 42,702 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया जिसमें एनएफओ से लगभग 9,000 करोड़ रुपये का निवेश आया। डेट, हाइब्रिड और पैसिव योजनाओं सहित कुल निवेश 1.8 लाख करोड़ रुपये रहा।
विश्लेषकों के अनुसार, एनएफओ में तेजी और समग्र निवेश ने म्युचुअल फंडों के लिए संभावनाओं को मजबूत बना दिया है। इनक्रेड इक्विटीज ने एक नोट में कहा, ‘हमें उम्मीद है कि अल्पावधि में निवेश में और तेजी आएगी और मध्यावधि में यह मजबूत बना रहेगा। ऐसा रिटेल सेगमेंट की बढ़ती भागीदारी, बाजार की अस्थिरता की बेहतर समझ और बढ़ते निवेश अनुशासन के साथ-साथ बी-30 शहरों से लगातार बढ़ते निवेश के कारण होगा।’