जो निवेशक ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते, उनके लिए कंजर्वेटिव पोर्टफोलियो तैयार किया गया है। (Representational Image)
Mutual Fund Model Portfolio: ट्रंप टैरिफ से दुनियाभर में छाए अनिश्चितता के बादलों के बीच बदलते आर्थिक माहौल में निवेशकों के लिए सही पोर्टफोलियो बनाना चुनौतीपूर्ण हो गया है। हाल ही में जीएसटी सुधार और S&P द्वारा भारत की क्रेडिट रेटिंग में बढ़ोतरी ने बाजार में नई उम्मीदें जगाई हैं। ऐसे समय में मिरे असेट शेयरखान ने निवेशकों के लिए मॉडल म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो पेश किए हैं। ये पोर्टफोलियो अलग-अलग तरह के निवेशकों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। इसमें आक्रामक (Aggressive), संतुलित (Moderate) और सुरक्षित (Conservative) विकल्प शामिल हैं।
इसके साथ ही, ब्रोकरेज हाउस ने दो खास थीमैटिक बास्केट भी पेश की हैं। इनमें से एक उन निवेशकों के लिए है जो नियमित आय चाहते हैं और दूसरा उन निवेशकों के लिए जो ज्यादा जोखिम लेकर भारत की ग्रोथ स्टोरी में हिस्सा बनना चाहते हैं।
लॉन्ग टर्म में हाई रिटर्न चाहने वाले और बाजार की उतार-चढ़ाव को झेलने के लिए तैयार निवेशकों के लिए एग्रेसिव पोर्टफोलियो तैयार किया गया है। इसमें बड़ी हिस्सेदारी इक्विटी में रखी गई है। कुल एलोकेशन में 40% लार्ज-कैप फंड्स, 25% फ्लेक्सी-कैप स्कीम और 15% मिड-कैप फंड्स शामिल हैं। इसके साथ ही स्मॉल-कैप और थीमैटिक फंड्स को भी पोर्टफोलियो में जगह दी गई है।
लार्ज-कैप फंड्स- 40%
फ्लेक्सी-कैप फंड्स- 25%
मिड कैप फंड्स- 15%
स्मॉल कैप फंड्स- 10%
थीमैटिक फंड्स- 10%
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औसत जोखिम सहने की क्षमता रखने वाले निवेशकों के लिए मॉडरेट पोर्टफोलियो को इस तरह तैयार किया गया है कि उसमें ग्रोथ और स्थिरता का संतुलन बना रहे। इसमें 40% हिस्सा लार्ज-कैप फंड्स, लार्ज एंड मिड कैप फंड्स में 10% और 10 बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स को दिया गया है। डेट में 30% आवंटन कॉरपोरेट बॉन्ड और शॉर्ट ड्यूरेशन स्कीम्स के जरिए रखा गया है, जबकि गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ को 10% वेटेज दिया गया है।
लार्ज-कैप फंड्स- 40%
लार्ज एंड मिड कैप फंड्स- 10%
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स- 10%
कॉरपोरेट बॉन्ड और शॉर्ट ड्यूरेशन- 30%
गोल्ड एंड सिल्वर ईटीएफ- 10%
जो निवेशक ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते, उनके लिए कंजर्वेटिव पोर्टफोलियो तैयार किया गया है। इसमें 70% हिस्सा कॉरपोरेट बॉन्ड और शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स में आवंटित है। बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स को 20% वेटेज दिया गया है, जबकि गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ को 10% हिस्सा हेज के तौर पर रखा गया है।
कॉरपोरेट बॉन्ड और शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स- 70%
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स- 20%
गोल्ड एंड सिल्वर ईटीएफ- 10%
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‘रेगुलर इनकम बास्केट’ का फोकस बैलेंस्ड एडवांटेज और मल्टी-एसेट एलोकेशन स्कीम्स पर है, ताकि निवेशकों को नियमित और स्थिर आय मिल सके। वहीं, ‘बिल्ड इंडिया बास्केट’ उन हाई-रिस्क निवेशकों के लिए है जो भारत की ग्रोथ स्टोरी में हिस्सा लेना चाहते हैं। इसमें 80% आवंटन थीमैटिक और सेक्टोरल फंड्स को दिया गया है, जबकि बाकी हिस्सा फ्लेक्सी-कैप स्कीम्स में निवेश किया गया है।
(डिस्क्लेमर: यह खबर केवल जानकारी के लिए है। ब्रोकरेज हाउस मिरे असेट शेयरखान ने म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो का मॉडल पेश किया है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)