सकारात्मक आय की घोषणा और कारोबारी परिदृश्य में सुधार के कारण पिछले कुछ महीनों से धातु शेयरों की मांग रही है। ऐसे में इक्विटी फंड अब धातु शेयरों में आक्रामकता से निवेश कर रहे हैं। मोतीलाल ओसवाल फंड के फोलियो में मेटल्स का भारांक जुलाई में 33 महीने के उच्चस्तर 3.4 फीसदी पर पहुंच गया, जबकि इससे पिछले दो महीने में यह घटता रहा था। मौजूदा कैलेंडर वर्ष में धातु क्षेत्र का औसत भारांक करीब 2.8 फीसदी रहा है। जुलाई में इक्विटी फंडों की तरफ से खरीदे गए 10 अग्रणी शेयरों में टाटा स्टील व हिंडाल्को इंडस्ट्रीज शामिल है।
एक अग्रणी फंड हाउस के फंड मैनेजर ने कहा, वैश्विक बाजारों में धातु की कीमतों में तेजी और भारत में मांग में बढ़ोतरी के कारण धातु शेयरों में खासी तेजी आई है। उन्होंने कहा, हमने पिछले साल धातु कंपनियों को कर्ज में कटौती करते देखा है और सरकार का ध्यान बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर है। हमारा अभी भी मानना है कि इस क्षेत्र में और बढ़त देखने को मिलेगी।
एसऐंडपी बीएसई मेटल इंडेक्स में पिछले साल से करीब 140 फीसदी की उछाल दर्ज हुई है और टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील जैसे शेयरोंं ने इस अवधि में क्रमश: 260 फीसदी व 185 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। एडलवाइस सिक्योरिटीज ने मेटल ऐंड माइनिंग पर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसे दो ढांचागत संकेतक दिख रहे हैं जो मध्यम अवधि में इस क्षेत्र को आकार दे सकता है। ये हैं चीन में कर रहा अकार्बनीकरण अभियान और रक्षात्मक लिहाज से वैश्विक व्यापार का शिफ्ट होना।
रिपोर्ट में कहा गया है, हमारी राय में खास तौर से स्टील ज्यादा स्थानीय हो गया है और कई देशों ने सुरक्षात्मक कदम उठाए हैं। इसके अलावा स्टील की ऊंची कीमतों ने रूस व चीन को निर्यात पर रोक लगाने वाले कदम उठाने को प्रोत्साहित किया है। हमारा मानना है कि इससे भारतीय कंपनियों के लिए रास्ता खुला है जो ज्यादा मार्जिन के साथ अपना निर्यात आवंटन बढ़ा रहे हैं।
बाजार नियामक सेबी के आंकड़े बताते हैं कि जुलाई में इक्विटी फंडों ने फेरस मेटल्स में 38,516.03 करोड़ रुपये और नॉन-फेरस मेटल्स में 17,550.13 करोड़ रुपये का निवेश किया है। धातु क्षेत्र के अलावा जुलाई में फंड हाउस का नजरिया बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा पर तेजी का रहा। जुलाई में इक्विटी फंडों की तरफ से खरीदे गए 10 अग्रणी शेयरों में आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई और बजाज फाइनैंस शामिल रहे।