शनिवार को ट्रेडिंग वॉल्यूम में 30 फीसदी से ज्यादा की कमी दर्ज हुई क्योंकि एक्सचेंजों ने पूरे सत्र को निचोड़ने की कोशिश की ताकि सोमवार को घोषित विशेष छुट्टी की भरपाई हो सके। एनएसई व बीएसई पर नकदी में संयुक्त कारोबार 84,574 करोड़ रुपये रहा, जो इस महीने दर्ज 1.17 लाख करोड़ रुपये के औसत रोजाना कारोबार से 28 फीसदी कम है। इस बीच, इक्विटी डेरिवेटिव का वॉल्यूम 303 लाख करोड़ रुपये (नोशनल) रहा जबकि महीने का औसत 456 लाख करोड़ रुपये रहा है।
बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि संस्थागत निवेशकों की तरफ से सुस्त भागीदारी का गतिविधियों पर असर पड़ा और कई शेयरों के वॉल्यूम में सुस्ती दिखी। वॉल्यूम और भी कम होता अगर एसऐंडपी बीएसई बैंकेक्स डेरिवेटिव की साप्ताहिक एक्सपायरी शनिवार से सोमवार न की
गई होती।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में काफी तेजी आने के बावजूद देसी बाजारों पर विस्तारित छुट्टी, कम वॉल्यूम और साप्ताहिक ऑप्शन एक्सपायरी का असर पड़ा।
शनिवार को 714 अंकों की घटबढ़ के बाद सेंसेक्स 260 अंक गिरकर 71,424 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 51 अंक गिरकर 21,572 पर बंद हुआ। व्यापक बाजारों ने उम्दा प्रदर्शन किया और मिडकैप इंडेक्स नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.52 फीसदी की बढ़त के साथ 48,063 पर बंद हुआ और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स 0.2 फीसदी के इजाफे के साथ 15,519 पर टिका।
हिंदुस्तान यूनिलीवर का शेयर 3.7 फीसदी टूटा जब एफएमसीजी दिग्गज दिसंबर तिमाही के नतीजे बाजार की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। सेंसेक्स व निफ्टी के अवयव में एचयूएल सबसे ज्यादा गिरा। रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर ने भी आय को लेकर नकारात्मक प्रतिक्रिया जताते हुए 0.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की। विश्लेषकों ने कहा कि इन कंपनियों व अन्य ब्लूचिप मसलन आईसीआईसीआई बैंक पर मंगलवार को नजर रहेगी क्योंकि बड़े निवेशक उनके आंकड़ों पर प्रतिक्रिया जताएंगे।
अयोध्या में राम मंदिर के उदघाटन के चलते महाराष्ट्र में सार्वजनिक अवकाश का ऐलान किया गया है, लिहाजा भारतीय बाजार सोमवार को बंद रहेंगे। शुक्रवार को बाजार गणतंत्र दिवस के मौके पर बंद रहेंगे।
एक्सचेंजों ने अपनी डिजास्टर रिकवरी साइट की परख के लिए दो विशेष कारोबारी सत्रों की योजना बनाई थी। हालांकि महाराष्ट्र सरकार की तरफ से सोमवार को छुट्टी की घोषणा के बाद उन्होंने पूरे सत्र का आयोजन करने का फैसला लिया।
बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि देसी संस्थागत निवेशकों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने सामान्य कारोबार के एक छोटे से हिस्से को अंजाम दिया और पूरी कारोबारी गतिविधियों में खुदरा, एचएनआई और प्रोप्राइटरी ट्रेडरों का वर्चस्व रहा। एफपीआई ने नकदी कारोबार में 546 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की, वहीं डीआईआई ने 719 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।