पिछले 6 महीनों के दौरान, माइक्रोफाइनैंस संस्थानों (MFI) के शेयरों में 60 प्रतिशत तक की तेजी आई है और उन्होंने BSE के सेंसेक्स को बड़े अंतर से मात दी है। कोविड-19 की वजह से मांग में आई सुस्ती के बाद बाजार भागीदारी में सुधार और NIM में तेजी तथा परिसंपत्ति गुणवत्ता पटरी पर लौटने से इन कंपनियों की ऋण वृद्धि को ताकत मिली है। विश्लेषकों का कहना है कि यही वजह है कि इन शेयरों में तेजी बनी रहेगी, क्योंकि आय वृद्धि की रफ्तार बरकरार रहेगी।
जेएम फाइनैंशियल के समीर भिसे ने अक्षय जैन और अपूर्व देशमुख के साथ मिलकर तैयार की गई रिपोर्ट में कहा है, ‘हमारा मानना है कि MFI कंपनियों की रेटिंग में बदलाव बरकरार रहेगा, क्योंकि वे मजबूत वृद्धि के राह पर बढ़ रही हैं और ऋण लागत घटाने में सक्षम हो रही हैं, जिससे प्रतिफल बढ़ाने में मदद मिल सकती है। ताजा मजबूत प्रदर्शन के बावजूद, मूल्यांकन अनुकूल बना हुआ है।’
माइक्रोफाइनैंस उद्योग के संगठन एमएफआईइन इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020-22 के दौरान 11 प्रतिशत की धीमी ऋण वृद्धि दर्ज की गई थी, जो वित्त वर्ष 2023 में सालाना आधार पर 22 प्रतिशत बढ़कर 3.48 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई। माइक्रोफाइनैंस ऋण वितरण पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 23 प्रतिशत तक सुधरकर 2.96 लाख करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2022 में यह 2.39 लाख करोड़ रुपये था।
इससे MFI को अपनी बाजार भागीदारी बढ़ाकर 38.2 प्रतिशत पर पहुंचाने में मदद मिली, जो वित्त वर्ष 2023 के पहले 9 महीनों के दौरान 331 आधार अंक तक अधिक थी। इस बीच, माइक्रोफाइनैंस से संबंधित बैंकों की बाजार भागीदारी समान अवधि के दौरान 430 आधार अंक तक घटकर 36 प्रतिशत रह गई।
एसीई इक्विटी के आंकड़े से पता चलता है कि स्टॉक एक्सचेंजों पर, सूर्योदय स्मॉल फाइनैंस बैंक, सैटिन क्रेडिटकेयर नेटवर्क, उज्जीवन स्मॉल फाइनैंस बैंक, क्रेडिटएक्सेस ग्रामीण, फ्यूजन माइक्रो फाइनैंस, फाइव स्टार बिजनेस फाइनैंस, और स्पंदन स्फूर्ति में पिछले 6 महीनों के दौरान 11 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत के बीच तेजी आई। तुलनात्मक तौर पर, सेंसेक्स में 4 प्रतिशत की तेजी आई, और बीएसई बैंकेक्स में 2.2 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया।
विश्लेषकों का मानना है कि वित्त वर्ष 2024 और वित्त वर्ष 2025 में इस क्षेत्र में मजबूत ऋण वृद्धि दर्ज की जाएगी और इसे बड़े आकार के सौदों में तेजी, ग्राहक जोड़ने की तेज रफ्तार, और अनुकूल नियामकीय हालात से मदद मिलेगी। केयरएज रेटिंग्स ने अगले 12-18 महीनों के दौरान यह वृद्धि दर 20-25 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
सैमको सिक्योरिटीज के वीर त्रिवेदी का मानना है कि अच्छी गुणवत्ता वाली MFI को लाभ लगातार मिलता रहेगा। उन्होंने कहा, ‘सिर्फ मौजूदा अच्छी तेजी को ध्यान में रखकर खरीदारी नहीं करें, क्योंकि क्षेत्रीय जोखिम भी देखे जा सकते हैं। इसलिए, MFI की मजबूत भौगोलिक मौजूदगी महत्वपूर्ण है। उन निवेशकों के लिए मौका अभी भी है, जो यह समझते हैं कि वे कमाई के अवसर गंवा चुके हैं।’