धातु क्षेत्र के शेयरों का प्रदर्शन का दीर्घावधि आधार पर भले ही कमजोर दिख रहा हो लेकिन फिलहाल उनका प्रदर्शन बेंचमार्क सूचकांक के मुकाबले बेहतर रहा है। बीएसई धातु सूचकांक में मई के आरंभ से अब तक करीब 30 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है जबकि एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स में इस दौरान महज 12.3 फीसदी की बढ़त रही।
धातु सूचकांक के जरिये टाटा स्टील, हिंडाल्को, जेएसडब्ल्यू स्टील, एनएमडीसी, वेदांत, हिंदुस्तान जिंक, नैशनल एल्युमीनियम और सेल जैसी धातु एवं खनन क्षेत्र की कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में उतार-चढ़ाव पर नजर रखी जाती है। लेकिन व्यापक इक्विटी बाजार के विपरीत धातु कंपनियों को कोविड-19 के झटके से उबरना अभी बाकी है। बीएसई धातु सूचकांक कैलेंडर वर्ष 2020 के आरंभ के मुकाबले अभी भी 18 फीसदी नीचे और इस दौरान बेंचमार्क सूचकांक के मुकाबले 9 फीसदी नीचे है।
खनन क्षेत्र के शेयरों को धातु में आई हालिया तेजी और तांबा, एल्युमीनियम, जस्ता एवं निकल जैसी औद्योगिक धातुओं से बल मिला। लंदन मेटल एक्सचेंज मेटल इंडेक्स (एलएमईएक्स) में पिछले तीन महीनों के दौरान 22.4 फीसदी की तेजी आई है जबकि इस दौरान उसने घरेलू शेयर बाजार के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन दर्ज किया।
चालू कैलेंडर वर्ष के आरंभ से अब तक एलएमईएक्स में 2.1 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है जबकि सेंसेक्स में इस दौरान करीब 9 फीसदी की गिरावट आई। एलएमईएक्स ने छह प्रमुख धातुओं- एल्युमीनियम, तांबा, जस्ता, सीसा, निकेल और टिन की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर नजर रखता है लेकिन पहली तीन धातुओं का इस सूचकांक में भारांश करीब 90 फीसदी है। आमतौर पर एलएमई कीमतों में तेजी आने का मतलब धातु एवं खनन कंपनियों के लिए बेहतर प्राप्तियां और मार्जिन है।
विश्लेषकों ने उम्मीद जताई है कि धातु क्षेत्र की यह तेजी फिलहाल कुछ तिमाहियों तक बरकरार रहने के आसार हैं बशर्ते वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार हो।
सिस्टेमैटिक्स ग्रुप के निदेशक एवं संस्थागत अनुसंधान प्रमुख धनंजय सिन्हा ने कहा, ‘धातु एवं खनन क्षेत्र को लेकर हमारा नजरिया तेजडिय़े का रहा है क्योंकि दुनिया भर में औद्योगिक उत्पादन बढ़ रहा है और अधिकतर देशों में विनिर्माण क्षेत्र के लिए पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) 50 से ऊपर बना हुआ है। इससे चालू कैलेंडर वर्ष की शेष अवधि और अगले वर्ष के दौरान औद्योगिक धातु एवं अयस्क की जबरदस्त मांग का संकेत मिलता है।’
सिन्हा ने उम्मीद जताई कि यह तेजी अगले 12 से 18 महीनों के दौरान बरकरार रह सकती है। सिन्हा की कंपनी ने जेएसडब्ल्यू स्टील, हिंडाल्को और एनएमडीसी के लिए खरीद की सलाह दी है।