facebookmetapixel
Q2 Results: Tata Motors, LG, Voltas से लेकर Elkem Labs तक; Q2 में किसका क्या रहा हाल?पानी की भारी खपत वाले डाटा सेंटर तटीय पारिस्थितिकी तंत्र पर डाल सकते हैं दबावबैंकों के लिए नई चुनौती: म्युचुअल फंड्स और डिजिटल पेमेंट्स से घटती जमा, कासा पर बढ़ता दबावEditorial: निर्यातकों को राहत, निर्यात संवर्धन मिशन से मिलेगा सहारासरकार ने 14 वस्तुओं पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश वापस लिए, उद्योग को मिलेगा सस्ता कच्चा माल!DHL भारत में करेगी 1 अरब यूरो का निवेश, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग में होगा बड़ा विस्तारमोंडलीज इंडिया ने उतारा लोटस बिस्कॉफ, 10 रुपये में प्रीमियम कुकी अब भारत मेंसुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के 1 किलोमीटर के दायरे में खनन पर रोकदिल्ली और बेंगलूरु के बाद अब मुंबई में ड्रोन से होगी पैकेज डिलिवरी, स्काई एयर ने किया बड़ा करारदम घोंटती हवा में सांस लेती दिल्ली, प्रदूषण के आंकड़े WHO सीमा से 30 गुना ज्यादा; लोगों ने उठाए सवाल

मारुति सुजुकी : रास्ता बंद

Last Updated- December 08, 2022 | 1:44 AM IST

देश की सबसे बड़ी यात्री कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे बेहद मायूसी भरे रहे।


जितनी आशंका थी, नतीजों में उससे भी ज्यादा गिरावट देखनी पड़ी। इसकी बड़ी वजह बिक्री वॉल्यूम में कमी होना और लागत में जबरदस्त इजाफा होना थी।

कच्चे माल की बढ़ी कीमतों और कर्मचारियों पर खर्च में भी इजाफा होने के कारण कंपनी का परिचालन मुनाफा 27 फीसदी गिरकर 516 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। साल की दूसरी तिमाही में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले कंपनी की शुध्द बिक्री में 6.1 फीसदी का इजाफा हुआ। इसकी सबसे बड़ी वजह कंपनी के रियलाइजेशन में हुई 7.1 फीसदी की बढ़ोतरी को जाता है।

इस दौरान कंपनी के स्विफ्ट और डिजायर मॉडलों का बिक्री के मामले में अच्छा प्रदर्शन पिछले महीनों की तरह बरकरार रहा, लेकिन आल्टो, वैगन-आर और जेन एस्टिलो मॉडलों की बिक्री में कंपनी को गिरावट का सामना करना पड़ा।

कुल मिलाकर कंपनी का बिक्री वॉल्यूम 2.5 फीसदी बढ़ा जबकि इस दौरान मिड साइज सेगमेंट साल दर साल के आधार पर 33.5 फीसदी बढ़ा। कंपनी का निर्याता वॉल्यूम दूसरी तिमाही में 17 फीसदी बढ़ा, लेकिन कुल मिलाकर सारा वॉल्यूम 10 फीसदी के दायरे में ही सिमटकर रह गया।

इस समय ब्याज दरों के आसमान पर जाने के साथ बैंक ऑटोमोबाइल क्षेत्र में ऋण कम से कम दे रही हैं। नतीजतन इस क्षेत्र में मांग में तेजी से गिरावट आ रही है। हालांकि मारुति की प्रतिद्वंद्वी हुंडई का प्रदर्शन दूसरी तिमाही में मारुति की तुलना में बेहतर रहा। इस दौरान उसका वॉल्यूम 20 फीसदी की दर से बढ़ा और यह इजाफा भी लोअर बेस पर हुआ।

मारुति के लिए कच्चे माल की लागत साल दर साल के आधार पर बिक्री के प्रतिशत के लिहाज से 0.8 फीसदी बढ़ा, जबकि बिक्री की तुलना में कर्मचारियों की लागत 0.4 फीसदी बढ़ी। इसके चलते इसका परिचालन मुनाफा 5 फीसदी गिरकर 10.3 फीसदी हो गया। इसके साथ ही कंपनी का शुध्द मुनाफा साल दर साल के आधार पर 36.5 फीसदी गिरकर 296 करोड़ रुपये हो गया।

हालांकि इसके लिए जून 2008 की तिमाही में कंपनी की ओर से प्रारंभ की गई डेप्रिसिएशन पॉलिसी जिम्मेदार है। इसके चलते साल दर साल के आधार पर डेप्रिएशन में 88 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई।

हालांकि कंपनी ने स्विफ्ट और डिजायर मॉडल की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपना उत्पादन बढ़ाने का निर्णय लिया है। इससे आगे उसे औसत रियलाइजेशन में मदद मिलेगी। विश्लेषकों ने भविष्यवाणी की है कि कंपनी को नवंबर में लांच होने वाले मॉडल ए-स्टार से भी लाभ होगा।

First Published - October 27, 2008 | 9:22 PM IST

संबंधित पोस्ट