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कुछ दिन दबाव में रहेंगे बाजार

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 10:43 AM IST

नए वायरस स्ट्रेन लॉकडाउन फिर से लगने और यात्रा पर प्रतिबंध की आशंकाओं के बीच बाजार अगले कुछ दिन तक दबाव में बना रह सकता है।
भारत भी सोमवार को ब्रिटेन से विमानों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने वाले देशों की सूची में शामिल हो गया है, क्योंकि ब्रिटेन में लॉकडाउन सख्ती से लगा दिया गया है। पिछले कुछ सप्ताहों में भारतीय बाजारों के मुख्य वाहक रहे वैश्विक निवेशकों से निवेश अगले कुछ दिनों तक कमजोर पड़ सकता है, क्योंकि छुट्टियों का सीजन भी शुरू हो रहा है।
ऐक्सिस सिक्योरिटीज के मुख्य कार्याधिकारी बी गोपकुमार ने कहा, ‘नए वायरस स्ट्रेन से यात्रा पर प्रतिबंध पहले ही लगाया जा चुका है और इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित होने की आशंका गहरा गई है। फिलहाल इसे लेकर कुछ अनिश्चितता बनी हुई है और अगले कुछ दिन तक बाजारों पर दबाव बना रहेगा।’
हालांकि अमेरिका में राहत प्रोत्साहन से इक्विटी बाजार को गिरावट के संदर्भ में कुछ सुरक्षा मिल सकती है। अमेरिकी संसद ने 900 अरब डॉलर के वित्तीय प्रोत्साहन पर सहमति जताई है। मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के संस्थापक सौरभ मुखर्जी ने कहा, ‘जैसे ही ब्रिटेन में महामारी की गंभीरता को लेकर स्थिति स्पष्ट होगी, बाजारों में भी मजबूती आएगी। इसके अलावा अमेरिका द्वारा प्रोत्साहन से निवेशकों का उत्साह बढऩे की संभावना है।’
एवेंडस कैपिटल पब्लिक मार्केट्स अल्टरनेट स्ट्रेटेजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘बाजार कुछ दिनों में स्थिर हो सकते हैं, क्योंकि आर्थिक नुकसान स्पष्ट हो जाएगा और केंद्रीय बैंक अपने अनुकूल रुख पर जोर देंगे। हालात इस पर भी निर्भर करेंगे कि देश कितनी तेजी से टीकाकरण को पूरा कर सकते हैं और महामारी को रोका जा सकता है।’
हालांकि विश्लेषकों ने आने वाले दिनों में बड़ी गिरावट की आशंका से इनकार नहीं किया है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिटेल शोध प्रमुख दीपक जसानी के अनुसार, नए वायरस स्ट्रेन से जुड़ी खबरों पुरानी पडऩे के बाद भारतीय इक्विटी बाजारों में अगले कुछ
दिनों में मामूली सुधार देखा जा सकता है।
जसानी ने कहा, ‘हम जनवरी के मध्य से लेकर अंत तक बड़ी गिरावट की शुरुआत देख सकते हैं, क्योंकि आय सीजन शुरू हो रहा है और बाजार का ध्यान मूल्यांकन, बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्त, कमजोर आर्थिक एवं ऋण वृद्घि पर है। एफपीआई प्रवाह प्रमुख निर्धारक हो सकता है और यदि प्रवाह मंद पड़ा तो जनवरी के शुरू से 8-15 प्रतिशत की गिरावट की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।’
हालांकि गोपकुमार को तीसरी तिमाही में खराब वित्तीय नतीजों की आशंका नहीं है, लेकिन बीएफएसआई क्षेत्र नकारात्मक हालात पैदा कर सकता है क्योंकि परिसंपत्ति गुणवत्ता चिंताजनक बनी हुई है।मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में रिटेल रिसर्च के प्रमुख सिद्घार्थ खेमका ने कहा, ‘भविष्य में, बाजार अल्पावधि में तब तक अनिश्चित बने रह सकते हैं, जब तक कि नए स्ट्रेन को लेकर चिंताएं नहीं घटतीं। क्रिसमस छुट्टियां शुरू होने के साथ, एफपीआई प्रवाह धीमा पड़ सकता है, जिससे बाजार की चाल भी प्रभावित हो सकती है। हालांकि पर्याप्त तरलता और टीके को लेकर हो रही प्रगति की वजह से बाजार का संपूर्ण ढांचा सकारात्मक बना हुआ है। बाजार इस सप्ताह मासिक एफऐंडओ निपटान की वजह से भी अस्थिर रह सकता है।’

First Published : December 22, 2020 | 12:22 AM IST