घरेलू बाजारों ने पिछले सप्ताह भारी उतार-चढ़ाव का सामना किया। इससे एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स 5 प्रतिशत तक गिर गया जो जून 2022 के बाद से उसकी सबसे तेज कमजोरी है। इस गिरावट का प्रमुख कारण भारत और अन्य उभरते बाजारों से पूंजी का निकलकर अमेरिका जाना है।
इलारा कैपिटल के लिक्विडिटी ट्रैक्टर के अनुसार उभरते बाजारों के फंडों से 2.9 अरब डॉलर की निकासी हुई जो तीन साल में सर्वाधिक है। इसके अलावा जापान को छोड़ दें तो एशिया के फंडों ने 1. 6 अरब डॉलर निकलते हुए देखे जिससे उभरते बाजारों से कुल निकासी 4.7 अरब डॉलर हो गई।
इसके विपरीत, अमेरिका में 82 अरब डॉलर की आवक हुई जो मार्च 2018 और मार्च 2021 के बाद से सबसे ज्यादा है। इससे संकेत मिलता है कि तरलता डॉलर परिसंपत्तियों की ओर जा रही है।
आईपीओ निवेशकों को आने वाले सप्ताह में जरा भी फुरसत नहीं होगी। उनके लिए 9 पेशकश उपलब्ध हैं। ब्रोकरों के अनुसार इनमें से तीन या चार आईपीओ के लिए जोरदार मांग आ सकती है जिसकी वजह ग्रे मार्केट में उनका आकर्षक प्रीमियम होना है। उद्योग के सूत्रों की खबर है कि ममता मशीनरी, यूनिमेक एरोस्पेस, डैम कैपिटल एडवाइजर्स और सेनोरस फार्मास्युटिकल्स पर ग्रे मार्केट प्रीमियम 50 प्रतिशत से अधिक है।
एक ब्रोकर ने कहा, ‘आईपीओ की बड़ी संख्या देखते हुए कई निवेशक सबसे ज्यादा संभावना वाले निर्गम पर फोकस कर रहे हैं जो अक्सर ग्रे मार्केट के रुझानों से चलते हैं। जहां बाजार अभी अनुकूल बना हुआ है, वहीं कमजोरी की किन्हीं भी स्थितियों से इन अनुमानों में बदलाव आ सकता है।’
जहां व्यापक सेकंडरी बाजार ने पिछले सप्ताह तेज गिरावट दर्ज की वहीं छोटे और मझोली कंपनियां एक अलग ही रास्ते पर हैं। एसऐंडपी बीएसई एसएमई आईपीओ सूचकांक, जो नए सूचीबद्ध शेयरों को ट्रैक करता है, पिछले महीने में जोरदार तेजी के कारण नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। आईपीओ में निवेशकों की दिलचस्पी जोरदार बनी हुई है और सभी को जोरदार आवेदन मिल रहे हैं।
उदाहरण के लिए नैकडेक इन्फ्रास्ट्रक्चर (पहले उमा इन्फ्राटेक) का 10 करोड़ का आईपीओ 2,210 गुना सबस्क्राइब हुआ। उसे 14,385 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं और 75 लाख से अधिक आवेदन आए। इसी तरह आईडेंटिकल ब्रैन्स के 20 करोड़ के आईपीओ को 7,231 करोड़ रुपये की बोलियां और 3,55,000 निवेशकों के आवेदन मिले। इस सप्ताह सूचीबद्धता के दौरान दोनों कंपनियों के शेयरों के दोगुनी कीमत पर लिस्ट होने के आसार हैं।