स्मॉलकैप और मिडकैप के महंगे मूल्यांकन पर चिंता के बीच कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक व निदेशक उदय कोटक ने कहा है कि इक्विटी बाजार बुलबुले वाले क्षेत्र में नहीं है और अगर सही तरीके से नियंत्रण रखा जाए तो यह स्थायी पूंजी निर्माण को सहारा दे सकता है।
बाजार नियामक सेबी और नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट्स (एनआईएसएम) की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में कोटक ने कहा कि जोड़तोड़ बाजार का अहम हिस्सा है और हमें इसे संतुलित बनाने की दरकार है।
उन्होंने कहा, इस चरण में हम उस तरह के जोखिम के आसपास नहीं है। आज हमारे सिस्टम में नियंत्रण व संतुलन की पर्याप्त व्यवस्था है। खुद को गंभीर बुलबुले वाले क्षेत्र से तुलना करना सही नहीं है। मैं कहना चाहूंगा कि थोड़ा बहुत बुलबुला है, लेकिन यह नियंत्रण से बाहर नहीं है। यह हमारी व्यक्तिगत राय है। लेकिन जब तक हम इस पर निगरानी रखेंगे और इसका सही तरीके से प्रबंधन करेंगे, हम स्थायी पूंजी निर्माण कर सकते हैं।
उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब स्मॉलकैप व मिडकैप में पिछले तीन कारोबारी सत्र में खासी गिरावट आई है। कोटक ने यह भी कहा कि भारत को अब सुरक्षित मुद्रा पर लड़ाई हाथ में लेनी चाहिए।
इसी कार्यक्रम में एनएसई के मुख्य कार्याधिकारी व प्रबंध निदेशक आशिष कुमार चौहान ने छोटे निवेशकों से कहा कि अगर वे जोखिम नहीं ले सकते तो उन्हें बाजार से सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा, अगर डेरिवेटिव जोखिम भरे हैं तो इसका लॉट साइज बड़ा रखें और इसके लिए नेटवर्थ का मानदंड भी ज्यादा हो ताकि जोखिम को संभाला जा सके। साथ ही सुरक्षा की खातिर नियामकीय ढांचा भी बनाया जाना चाहिए।
(डिस्कक्लेमर : बिज़नेस स्टैंडर्ड प्राइवेट लिमिटेड में कोटक फैमिली के नियंत्रण वाली इकाइयों की बहुलांश हिस्सेदारी है)