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सेबी प्रमुख की नियुक्ति पर बाजार की नजर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 9:01 PM IST

शेयर बाजार से जुड़े लोग बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन की नियुक्ति की खबर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मौजूदा चेयरमैन अजय त्यागी का कार्यकाल सोमवार को खत्म हो रहा है। बहरहाल वह कार्यविस्तार दिए जाने के पात्र हैं।
तमाम लोग इस बात से आश्चर्यचकित हैं कि सरकार ने यह औपचारिक घोषणा अब तक नहीं की है कि सेबी के मुंबई मुख्यालय को नए व्यक्ति के हवाले किया जाएगा या त्यागी को एक और कार्य विस्तार मिलेगा। केंद्र सरकार ने 4 महीने पहले इस पद के अभ्यर्थी की तलाश शुरू कर दी थी, इसके बावजूद देरी हो रही है।
वित्त मंत्रालय ने 28 अक्टूबर की एक अधिसूचना में कहा है, ‘भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन के पद के लिए पात्र अभ्यर्थियों से आवेदन मांगा गया है। चेयरमैन भारत सरकार मिलने वाले भुगतान या सातवें वेतन आयोग की सिफारिश और बाद में 25 जुलाई, 2016 के सरकार के स्वीकृत प्रस्ताव के मुताबिक 4,50,000 रुपये प्रति माह समेकित वेतन पाने का पात्र होगा।’
पूर्व डीएफएस सचिव देवाशीष पांडा, राजस्व सचिव तरुण बजाज, वित्त सचिव टीवी सोमनाथन, आईएफएससी अथॉरिटी के चेयरमैन इंजेति श्रीनिवास और सेबी की पूर्व पूर्णकालिक सदस्य माधवी पुरी बुच को इस पद की दौड़ में शामिल माना जा रहा था।
हाल तक त्यागी को आगे एक और विस्तार का दावेदार माना जा रहा था। बहरहाल उद्योग पर नजर रखने वालों का कहना है कि नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में तमाम चूक और नए विवादों के कारण यह मामला जटिल हो गया है। हालांकि यह मामला त्यागी के पदभार संभालने के पहले का है।
अप्रैल 2019 में सेबी ने एनएसई के को-लोकेशन विवाद पर कई फैसले जारी किए थे, जिसमें एक्सचेंज पर 1,000 करोड़ रुपये जुर्माना भी शामिल था। ओपीजी सिक्योरिटीज और वे टु वेल्थ ब्रोकर्स से 15-15 करोड़ रुपये और ब्याज का भुगतान करने को कहा गया था। एनएसई के पूर्व एमडी और सीईओ रवि नारायण और चित्रा रामकृष्ण से कहा गया था कि वह अपने वेतन में से इस अवधि के दौरान का 25 प्रतिशत वेतन वापस करने के साथ 5 साल तक बाजार प्रतिबंध लगा दिया।

First Published : February 27, 2022 | 11:19 PM IST