facebookmetapixel
ऋण गारंटी के लिए सरकार को 2,000 करोड़ रुपये की दरकार, निर्यातकों को मिलेगी राहतRed Fort Blast: उमर ही चला रहा था कार, सीसीटीवी फुटेज से सामने आया पूरा रूटट्रंप के एच1-बी बयान से खुली सच्चाई, भारतीय पेशेवरों की वैश्विक अहमियत हुई साबितदूसरी तिमाही में भी बरकरार रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार, जीडीपी ग्रोथ रेट 7% से ज्यादा रहने का अनुमानG-7 विदेश मंत्रियों की बैठक में ऊर्जा सुरक्षा पर बोले जयशंकर: भविष्य के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरीफिजिक्सवाला आईपीओ को मिले 1.8 गुना आवेदन, संस्थागत निवेशकों की मजबूत भागीदारी से मिली रफ्तारनिप्पॉन लाइफ इंडिया की इकाई में हिस्सा लेगी DWS, वैकल्पिक निवेश प्लेटफॉर्म के विस्तार की तैयारीकमजोर प्रदर्शन से स्मार्ट बीटा फंड्स की चमक फीकी, निवेशकों का भरोसा घटाIPO नियमों में बदलाव का सेबी का प्रस्ताव, प्री-आईपीओ गिरवी शेयरों के लॉक-इन नियम में होगा सुधारफ्लेक्सीकैप व गोल्ड ईटीएफ बने पसंदीदा, मिड और स्मॉलकैप फंड्स की चमक पड़ी फीकी

एलआईसी ने किया टाटा

Last Updated- December 08, 2022 | 12:49 AM IST

देश के सबसे बड़े बीमाकर्ता भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने कहा है कि उसने टाटा मोटर्स के 4,145 करोड़ रुपये के राइट इश्यू से इसलिए हटने का निर्णय लिया क्योंकि सोमवार को इश्यू के सब्सक्रिप्शन के अंतिम दिन तक कंपनी का शेयर ऑफर प्राइस से नीचे कारोबार कर रहा था।


सोमवार को टाटा का शेयर 243.90 रुपये पर कारोबार कर रहा था जबकि इसके कॉमन शेयर की कीमत 340 रुपये प्रति शेयर थी। एलआईसी के एक कार्यकारी ने बताया कि इस राइट इश्यू में निवेश के निर्णय से इसलिए पीछे हटने को मजबूर होना पड़ा क्योंकि शेयरों की कीमत उसकी उम्मीद से अधिक नीचे गिर गईं थी। इस बार भी उसने वही रणनीति अपनाई जो उसने पिछले हफ्ते हिंडाल्को के राइट इश्यू के वक्त अपनाई थी।

उक्त कार्यकारी ने बताया कि बीमा कंपनी अपने पॉलिसी धारकों के पैसे को पूरी तरह से सुरक्षित रखना चाहती थी। उसने हमेशा लंबी अवधि को ध्यान में रखकर ही निवेश किए हैं। पिछले सप्ताह टाटा मोटर्स ने एक बयान जारी करके कहा था कि सब्सक्राइब होने से बच गए शेयर प्रमोटर ले लेंगे।

इनमें वे शेयर भी शामिल हैं जिन्हें जेएम फाइनेंशियल ने अंडरराइट नहीं किया था। इस इकलौती वित्तीय संस्था ने 305 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से डिफ्रेंशियल वोटिंग राइट वाले 67 फीसदी शेयरों के सब्सक्रिप्शन की जिम्मेदारी ली थी। इस पूरे मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार टाट मोटर्स के इस इश्यू को लेकर निवेशकों ने कोई गर्मजोशी नहीं दिखाई है।

First Published - October 21, 2008 | 10:08 PM IST

संबंधित पोस्ट