लार्जकैप फंड्स, जो पिछले दो-तीन सालों से कम रिटर्न के कारण निवेशकों का ध्यान नहीं खींच पा रहे थे, अब एक बार फिर से बेहतर रिटर्न्स के साथ वापसी कर रहे हैं। पिछले छह महीने में बेहतर प्रदर्शन के चलते लार्जकैप फंड्स अब दो साल के सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) रिटर्न्स चार्ट में छोटे फंड्स (स्मॉलकैप) से आगे निकल गए हैं।
लार्जकैप फंड्स में दो साल के SIP निवेश पर औसतन 11.3 प्रतिशत का सालाना रिटर्न हुआ है। वहीं, स्मॉलकैप फंड्स का औसत रिटर्न 7.2 प्रतिशत (सालाना) रहा है। हालांकि, मिडकैप फंड्स लार्जकैप फंड्स से आगे हैं और इनका औसत सालाना रिटर्न 12.6 प्रतिशत है।
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लार्जकैप फंड्स का बेहतर प्रदर्शन हाल ही में उनके बेहतर रिटर्न के कारण हुआ है। जहां एक ओर Nifty 100 टोटल रिटर्न इंडेक्स (TRI) पिछले एक साल में 7.2 प्रतिशत बढ़ा है, वहीं Nifty Smallcap 250 TRI में 2.4 प्रतिशत की गिरावट आई है।
लार्जकैप फंड्स पिछले कुछ सालों से निवेशकों के बीच पसंदीदा नहीं रहे हैं, क्योंकि ज्यादातर पैसा स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स में डाला गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) में स्मॉलकैप फंड्स ने लगभग ₹42,000 करोड़ का निवेश प्राप्त किया, जबकि लार्जकैप फंड्स में ₹23,500 करोड़ का निवेश हुआ।
विशेषज्ञों का कहना है कि लार्जकैप फंड्स ने हाल ही में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन निवेशकों की प्राथमिकता में तुरंत बदलाव की संभावना कम है। मार्केट एक्सपर्ट सुनील सुब्रहमण्यम का कहना है, “कुछ DIY (Do-It-Yourself) निवेशक लार्जकैप फंड्स की ओर रुख कर सकते हैं, लेकिन नियमित निवेशकों की प्राथमिकता में बदलाव मुश्किल है। डिस्ट्रीब्यूटर्स निवेशकों को मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में अपने SIPs को पांच साल तक बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं।”
म्यूचुअल फंड्स के निवेश में इनफ्लो ज्यादातर तीन और पांच साल के रिटर्न्स पर निर्भर करते हैं। लार्जकैप फंड्स को लंबी अवधि के रिटर्न्स में अभी भी पकड़ बनाने की जरूरत है। तीन साल के SIP निवेश पर लार्जकैप फंड्स का औसत सालाना रिटर्न 15 प्रतिशत है, जबकि स्मॉलकैप फंड्स का औसत रिटर्न 16 प्रतिशत है। हालांकि, पिछले एक साल में सभी स्मॉलकैप फंड्स ने नकारात्मक रिटर्न दिया है, जबकि हाल ही में 31 में से 21 लार्जकैप फंड्स हरे रंग में लौट आए हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि SIPs को कम से कम पांच साल तक चलाना चाहिए, इससे पहले कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए। Epsilon Money के CEO, अभिषेक देव का कहना है, “लंबी अवधि के निवेशकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। हाल ही में हमनें Nifty में पांच महीने की गिरावट देखी, जो पिछले 20 सालों में पहली बार था। सामान्यत: लार्जकैप पहले रिकवर करते हैं, फिर मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स।”