भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने विदेशी निवेशकों को डिपोजिटरी के समक्ष अपने मोबाइल नंबर, ईमेल पते और आय विवरण का खुलासा करने के नियम को एक महीने तक टाल दिया है।
इस कदम का मकसद राउंड ट्रिपिंग और काले धन को वैध बनाने जैसी गतिविधियों को नियंत्रित करना है।
एनएसडीएल ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा, ‘एमआईआई से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर सेबी ने नए खाते खोलने के लिए अनिवार्य 6-केवाईसी की समय-सीमा एक महीने तक बढ़ाकर 1 अगस्त, 2021 करने का निर्णय लिया है। मौजूदा ग्राहकों के लिए यह समय-सीमा 31 जुलाई रहेगी।’
इन 6 केवाईसी संबंधित जरूरतों में नाम, पता, पैन, मोबाइल नंबर, ईमेल पते और आय विवरण का खुलासा करना शामिल हैं।
एशिया सिक्योरिटीज इंडस्ट्रीज ऐंड फाइनैंशियल मार्केट्स एसोसिएशन (आसिफमा) ने वैकल्पिक स्थानों से ट्रेडिंग के वक्त कॉल रिकॉर्डिंग बनाए रखने से छूट दिए जाने के लिए नियामक को पत्र लिखा है। इसके अलावा सेबी से मध्यस्थों को केआरए और सेंट्रल केवाईसी रजिस्ट्री (सीकेवाईसीआर) पोर्टलों पर दस्तावेज अपनोड करने के नियम में नरमी लाए जाने को भी कहा गया है।
आसिफमा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘हमें उम्मीद है कि कंपनियों को हालात सामान्य होने की स्थिति में केआरए पोर्टल और सीकेवाईसीआर पर दस्तावेज अपलोड करने की अनुमति होगी, क्योंकि सदस्यों को नए और मौजूदा ग्राहकों के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने में लॉजिस्टिक संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि यह उद्योग एक बार फिर से काफी हद तक घर से कार्य कर रहा है। इसी तरह की रियायत सीकेवाईसीआर अपलोड के लिए जरूरी है।’ ज्यादातर विदेशी निवेशक औपचारिक तौर पर अपने मोबाइल नंबर साझा करने की अनुमति नहीं देते हैं और कुछ निवेशक इसे जोखिमपूर्ण समझते हैं, क्योंकि यदि कर्मचारी छोड़ कर चला जाता है तो भी आधिकारिक रिकॉर्ड में उसका विवरण बना रहता है।
नए खाते खोलने के लिए सभी 6 केवाईसी शुरू में 1 जून, 2021 से अनिवार्य बनाए गए थे।