कमधेनु वेंचर्स के शेयर शुक्रवार को बीएसई पर 5 प्रतिशत गिरकर 27.22 रुपये तक पहुंच गए, और इस कीमत पर कोई खरीदार मौजूद नहीं था। यह गिरावट लगातार पांचवें दिन जारी रही। पिछले एक हफ्ते में इस स्मॉलकैप कंपनी के शेयरों में 53 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो 58.31 रुपये से घटकर 27.22 रुपये पर पहुंच गए हैं। इसके मुकाबले, बीएसई सेंसेक्स में 5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
कमधेनु वेंचर्स के शेयर अब अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर 27.12 रुपये के करीब हैं, जो 30 अक्टूबर 2023 को छुआ गया था। वहीं, 26 सितंबर 2024 को कंपनी के शेयरों ने 58.57 रुपये का उच्चतम स्तर हासिल किया था।
कंपनी का स्पष्टीकरण
कमधेनु वेंचर्स ने एक्सचेंज में दाखिल किए गए एक बयान में बताया कि 27 सितंबर 2024 से शेयरों की कीमत में अचानक गिरावट को लेकर उन्हें कई ईमेल और कॉल्स आ रहे हैं। कंपनी ने स्पष्ट किया कि उनका पेंट व्यवसाय और प्लांट पूरी तरह सामान्य और प्रभावी ढंग से काम कर रहे हैं, और इस गिरावट का कंपनी के कारोबार पर कोई सीधा असर नहीं है।
कंपनी ने यह भी कहा कि न तो प्रबंधन और न ही प्रमोटरों का शेयर की कीमत में इस उतार-चढ़ाव से कोई संबंध है, और उन्होंने इस गिरावट से कोई लाभ नहीं कमाया है। कंपनी ने कहा कि यह गिरावट पूरी तरह बाजार की स्थिति के कारण हो रही है और इसका नियंत्रण उनके पास नहीं है।
कमजोर तिमाही नतीजे, लेकिन त्योहारों से उम्मीद
कमधेनु वेंचर्स की सहायक कंपनी कमधेनु पेंट्स भारतीय सजावटी पेंट्स क्षेत्र में प्रमुख ब्रांड है। हालांकि, जून 2024 तिमाही में कंपनी के नतीजे कमजोर रहे। कंपनी का राजस्व सालाना आधार पर 12 प्रतिशत गिरकर 55 करोड़ रुपये और कर पश्चात लाभ 26 प्रतिशत घटकर 1.6 करोड़ रुपये रहा।
प्रबंधन ने कहा कि इस गिरावट का मुख्य कारण चुनावों और तीव्र गर्मी के कारण निर्माण और पेंटिंग गतिविधियों में कमी थी। हालांकि, उन्हें त्योहारों के मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों से मांग में सुधार की उम्मीद है, जिससे स्थिति में सुधार हो सकता है।
स्टॉक स्प्लिट के जरिए लिक्विडिटी बढ़ाने का प्रयास
14 जून 2024 को कमधेनु वेंचर्स का स्टॉक 1:5 अनुपात में विभाजित हुआ, यानी शेयर की फेस वैल्यू 5 रुपये से घटकर 1 रुपये हो गई। कंपनी ने कहा था कि इस कदम का उद्देश्य छोटे निवेशकों को आकर्षित करना और शेयरों की लिक्विडिटी बढ़ाना है।