पिछले हफ्ते आईटीसी के शेयर में करीब 6 फीसदी की गिरावट आई क्योंकि सिगरेट कंपनी आईटीसी में 29.03 फीसदी की मालिक ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको (बीएटी) ने इसका एक हिस्सा बेचने के घोषणा कर दी। विश्लेषकों ने कहा कि इस बिक्री के बाद शेयर आपूर्ति में बढ़ोतरी से आईटीसी के शेयरों पर गिरावट का दबाव बढ़ सकता है।
इसके अलावा आईटीसी में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा का मतलब यह है कि बीएटी सीधे तौर पर किसी विदेशी इकाई को हिस्सा नहीं बेच सकती। इसके बजाय वह स्थानीय निवेशकों या विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को निजी नियोजन के जरिये खुले बाजार में इसे बेचेगी।
विश्लेषकों का कहना है कि अगर बीएटी अपनी हिस्सेदारी घटाती है तो वैश्विक सूचकांकों में आईटीसी का भारांक नहीं बढ़ेगा क्योंकि विदेशी स्वामित्व की सीमा तय है। पेरिस्कोप एनालिटिक्स के ब्रायन फ्राएट्स ने चेतावनी दी है कि आईटीसी का फ्री फ्लोट बढ़ने से उसके शेयर पर दबाव बन सकता है।
उन्हें लगता है कि इससे शेयर पर असर पड़ेगा क्योंकि मौजूदा निवेशक निजी नियोजन से पहले आईटीसी का शेयर बेचना चाहेंगे, यह मानते हुए कि नियोजन के समय वह इस शेयर को वापस खरीद लेंगे।
शेयरों और म्युचुअल फंडो की खरीद की सुविधा मुहैया कराने वाला पेटीएम मनी अपने क्लाइंटों से अनुरोध कर रहा है कि जिनका डिफॉल्ट खाता पेटीएम पेमेंट्स बैंक है, वे अन्य बैंक खाते उसके साथ जोड़ लें।
पिछले हफ्ते पेटीएम मनी ने क्लाइंटों की मदद के लिए अपनी वेबसाइट पर दिशानिर्देश जारी किए, ताकि 29 फरवरी से पहले क्लाइंट अन्य बैंक खाता उसके साथ जोड़ सकें। इस तारीख के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक के क्लाइंट नई जमाएं नहीं कर पाएंगे।
बैंक समर्थित ब्रोकर मोटे तौर पर अपने क्लाइंटों का बड़ा हिस्सा अपने मूल बैंक से हासिल करते हैं। सूत्रों ने संकेत दिया कि निवेश प्लेटफॉर्म के 10 फीसदी से भी कम क्लाइंटों का डिफॉल्ट बैंक खाता पेटीएम पेमेंट्स बैंक है। पेटीएम मनी, वन 97 कम्युनिकेशंस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक है, जिसके पास पेटीएम पेमेंट बैंक की 49 फीसदी हिस्सेदारी है।